विदिशा / 17 साल में पहली बार प्रत्येक मंगलवार को जिला मुख्यालय में होने वाली कलेक्टर की जनसुनवाई को जनपद पंचायत शमशाबाद के सभागार में आयोजित किया गया। यह नवाचार कलेक्टर अंशुल गुप्ता की पहल पर किया गया। खास बात यह रही कि जिला मुख्यालय के बेतवा सभागार में हुई जनसुनवाई में सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक कुल 122 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 39 का मौके पर निराकरण करने का दावा किया जा रहा है, जबकि शमशाबाद में हुई जिला स्तरीय जनसुनवाई में, जहां कलेक्टर खुद और सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे, वहां 2 घंटे में महज 62 लोगों के आवेदन ही आए। 19 का मौके पर निराकरण करने का दावा किया गया। आखिर यह कैसी जनसुनवाई हुई कि जिला मुख्यालय में जिले भर से आए 122 आवेदकों को छोड़कर कलेक्टर शमशाबाद में ब्लॉक स्तरीय जनसुनवाई में 62 लोगों की समस्याएं सुनने पहुंचे। इधर, जिला मुख्यालय की जनसुनवाई में कलेक्टर से मिलने आए तमाम लोगों को निराशा हुई। कलेक्टर के नहीं होने से कई विभाग प्रमुख भी जनसुनवाई में नहीं पहुंचे। उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को भेज दिया।
निजी जमीन में कब्जे की शिकायत लेकर आए थे अमित शर्माः जिला मुख्यालय के बेतवा सभागार में हुई जनसुनवाई में सायर बामोरा गांव से अमित शर्मा भी पहुंचे थे। वे शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। वे शमशाबाद के बजाय विदिशा पहुंचे थे। उनका कहना था कि कलेक्टर से मिलने आए थे, लेकिन नहीं मिलने से निराशा हुई है। गांव के रमेश शर्मा, गीता शर्मा और मनोज शर्मा ने उनकी निजी और सरकारी रास्ते की भूमि पर कब्जा कर लिया है। कोर्ट केस जीतने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इन अधिकारियों ने संभाला मोचार्रू मंगलवार को जिला मुख्यालय की जनसुनवाई में कलेक्टर अंशुल गुप्ता के मौजूद नहीं होने पर एसडीएम क्षितिज शर्मा, एसीओ जिला पंचायत पंकज जैन, संयुक्त कलेक्टर शशि मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर निकिता तिवारी, तहसीलदार डॉ. अमित शर्मा आदि अधिकारी प्रमुख रूप से मोर्चा संभाले हुए थे। एसडीएम क्षितिज शर्मा ने बताया कि ज्यादातर आवेदन जमीन पर कब्जा करने, सीमांकन करवाने, जमीन का मुआवजा लेने सहित अन्य मामलों के हैं। सभी का निराकरण करवाया जा रहा है।
सरकारी रास्ते में दबंगों ने कर लिया कब्जारू ग्राम गेहूंखेड़ी से आए रामकुमार पिता हीरालाल ने बताया कि वे वे भी कलेक्टर से मिलने जिला मुख्यालय विदिशा आए थे, लेकिन कलेक्टर के नहीं मिलने पर अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर चले गए। यहां सर्वे क्रमांक 124 की शासकीय भूमि पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। इसका पुनः सीमांकन करवाया जाए।