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अक्षय तृतीया का महत्व वास्तव में अत्यंत शुभ और आध्यात्मिक होता है. इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को मनाई जाएगी. अक्षय तृतीया के दिन दान का बड़ा महत्व होता है साथ ही इस दिन पूजा पाठ भी किया जाता है. पर क्या आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन कुछ विशेष स्थानों पर दीपक लगाने की परंपरा है.जो बहुत ही शुभ होता है. आज हम आपको अक्षय तृतीया पर घर में दीपक जलाने के शुभ स्थान के बारे में बतायेंगे
उत्तर दिशा
- कारण-यह दिशा धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी की मानी जाती है.
- लाभ-समृद्धि, वैभव, सुख-शांति और धन में बढ़ोतरी.
- पंडेरी (जहां पीने का पानी रखा जाता है)
- कारण-यह स्थान पितरों का प्रतीक स्थल माना गया है.लाभ-पितरों की कृपा से जीवन में संकट टलते हैं और शुभता आती है.
जल स्रोत (कुआं, तालाब, झरना आदि)
- कारण-प्रकृति और जल देवता के प्रति आभार व्यक्त करने का माध्यम.

लाभ-पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ दिव्य कृपा की प्राप्ति
- मुख्य द्वार के दोनों ओर
- कारण-यहीं से मां लक्ष्मी का आगमन होता है.
- लाभ-घर में लक्ष्मी का वास होता है, धन-धान्य में वृद्धि होती है.
अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल, बुधवार के दिन मनाई जा रही है। अक्षय तृतीया के दिन तुलसी पूजन का बहुत महत्व माना जाता है। धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि अक्षय तृतीया के दिन जहां एक ओर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है तो वहीं, दूसरी ओर इस दिन तुलसी पूजन का भी विशेष स्थान मौजूद है। अक्षय तृतीया के दिन तुलसी पूजन करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं और तुलसी माता की कृपा भी बनी रहती है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि अक्षय तृतीया के दिन कैसे करें तुलसी की पूजा और क्या है इसका महत्व।

वैदिक ज्योतिष अनुसार त्योहारों पर समय- समय पर राजयोग और शुभ योगों का निर्माण होता है। जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि अक्षय तृतीया का पर्व 2025 में अत्यंत विशेष ज्योतिषीय संयोगों के साथ आ रहा है। इस दिन कई दुर्लभ और अत्यंत शुभ राजयोगों का निर्माण हो रहा है, जिसमें गजकेसरी राजयोग, मालव्य राजयोग, रवि योग, चतुर्ग्रही योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और लक्ष्मी नारायण राजयोग बन रहा है। ऐसे में इन दुर्लभ संयोगों से कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है।
अक्षय तृतीया 2025: महत्व, परंपराएं और अन्न दान
अक्षय तृतीया बुधवार, 30 अप्रैल, 2025 को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक शुभ हिंदू त्यौहार है जो हर साल भारतीय महीने वैशाख के शुक्ल पक्ष के तीसरे चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व है और माना जाता है कि इसे मनाने वालों को सौभाग्य, समृद्धि और प्रचुरता मिलती है।
अक्षय तृतीया पर अन्न दान का महत्व
अक्षय तृतीया से जुड़ी सबसे पूजनीय परंपराओं में से एक दान का कार्य है, विशेष रूप से भोजन दान (अन्नदान)। जरूरतमंदों को भोजन देना एक पुण्य कार्य माना जाता है जो न केवल भूख को कम करने में मदद करता है बल्कि हिंदू शास्त्रों के अनुसार अपार आशीर्वाद और पुण्य भी अर्जित करता है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर दूसरों को भोजन कराने से व्यक्ति को हमेशा समृद्धि और ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है।