
डीआर न्यूज इंडिया डाॅट काॅम/ दिल्ली और मुंबई में बड़ी कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार, 24 जुलाई को अनिल अंबानी से जुड़ी करीब 50 कंपनियों पर रेड डाली है। यह छापेमारी ₹3000 करोड़ के लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। कार्रवाई PMLA की धारा 17 के तहत की जा रही है।
मामले की जड़ कहाँ है?
2017-2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनियों को भारी लोन दिए थे। जांच में सामने आया कि इन पैसों को फर्जी कंपनियों में डायवर्ट किया गया, और बैंक अफसरों को भी रिश्वत दिए जाने की आशंका है।
जांच एजेंसियों का बड़ा गठजोड़

CBI की FIR, SEBI, नेशनल हाउसिंग बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और NFRA जैसी संस्थाओं की इनपुट पर ED ने यह कार्रवाई शुरू की।
ED का दावा है कि यह पूरा फ्रॉड एक “सुनियोजित प्लान” था।
शेयर बाजार में असर
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में 5% तक गिरावट आई।
हालांकि, कंपनियों ने कहा कि इस रेड का उनके कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
⚖️ SBI ने ठोंका फ्रॉड का ठप्पा
SBI ने हाल ही में अनिल अंबानी और RCom को “फ्रॉड” घोषित किया।
बैंक का दावा है कि ₹31,580 करोड़ के लोन में से बड़ी राशि का गलत इस्तेमाल हुआ।
अब क्या आगे?
- CBI के पास जल्द शिकायत दर्ज होगी
- NCLT में दिवालियापन की कार्रवाई चल रही
- अनिल अंबानी पर पर्सनल इनसॉल्वेंसी की तलवार लटकी हुई