सीहोर / रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर 02 के मुय गेट पर बारिश के बाद स्थिति यह हो गई है कि अंदर जाने के लिए कीचड़ से होकर निकलना पड़ता है। चैतरफा कीचड़ और गंदगी के कारण यात्री बहुत परेशान हो रहे हैं। बारिश के सीजन में प्लेट फार्म नंबर 02 के गेट पर वैसे तो हर साल पानी जमा होता है, लेकिन इस बार स्थिति ज्यादा खराब है। इस परेशानी की वजह लोग रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य कर रही एजेंसी को बता रहे हैं।
सीहोर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है, यहां करीब 22 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से निर्माण कार्य चल रहे हैं। निर्माण कार्य के लिए गिट्टी, मुरम आदि सामग्री रेलवे स्टेशन के गेट नंबर दो के आसपास ही पड़ी है। प्लेटफार्म पर चल रहे निर्माण कार्य से जो मिट्टी निकल रही है, वह बारिश से कीचड़ में तब्दील हो गई है, जिससे मंडी क्षेत्र की तरफ से प्लेट फार्म नंबर 02 के गेट से रेलवे स्टेशन आने वाले यात्री काफी परेशान हो रहे हैं। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो के प्रवेश द्वार, रेलवे स्टेशन से रेक पाइंट की तरफ जाने वाले रास्ते और रेलवे स्टेशन से जनता कॉलोनी की तरफ जाने वाली रास्ते में एक-एक फीट कीचड़ भरा है, जिससे लोग काफी परेशान हो रहे हैं और इस समस्या की तरफ न तो रेलवे ध्यान दे रहा है और न ही नगर पालिका परिषद सीहोर। बारिश के सीजन में इन रास्तों से निकलना मुश्किल हो रहा है।
रेलवे स्टेशन अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत सीहोर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है, लेकिन इस निर्माण कार्य को पूर्ण होने में अभी करीब डेढ़ से दो साल का समय लगेगा। निर्माण कार्य अभी 50 फीसदी के करीब ही पूर्ण हो सका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी 2024 को इसका वर्चुअल शिलान्यास किया था। रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 22 करोड़ 60 लाख की लागत से किया जा रहा है। इस पुनर्विकास में सरक्यूलेटिंग एरिया, पार्किंग, स्टेशन बिल्डिंग व साइनेज के कार्य को अपग्रेडिंग किया जा रहा है।
प्लेटफार्म नंबर 1 व 2 कवरशेड बनाए जा रहे हैं। क्राउड हैडलिंग एरिया में विकास कार्य चल रहा है। प्लेटफार्म नंबर 1 को ऊंचा कर बढ़ाना है और प्लेटफार्म नंबर 2 को ऊंचा किया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर मॉड्यूलर टॉयलेट की व्यवस्था की जाएगी और 12 मीटर चैड़े फुट ओवर ब्रिज के साथ रूफ प्लाजा का कार्य भी प्रस्तावित है।