आरोपियों के घरों की जिओ टैगिंग से निगरानी, 86 आरोपियों ने किया सरेंडर

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राजगढ़ / ब्यावरा र्म प्रदेश में पहली बार राजगढ़ पुलिस ने ने आरोपियों के घरों की जियोटैगिंग की है। इससे आरोपी देश में कहीं को भी वारदात करते पुलिस को मालूम को चल जाता है। नतीजा यह है देश में चोरी के लिए बदनाम कड़िया, र गुलखेड़ी, हुलखेड़ी और दूधी गांव के 86 कुख्यात आरोपी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। रविवार को कड़िया गांव में एसपी आदित्य मिश्रा के पुनर्वास शिविर में 44 कुख्यात आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें कई ऐसे आरोपी हैं, जो 500 से ज्यादा चोरी कर चुके हैं और कई राज्यों की पुलिस इन्हें तलाश रही है।
राजगढ़ के कड़िया, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी गांव में बड़े शहरों की तर्ज पर सुविधाओं से सुज्जित घर हैं। देखने से लगेगा कि यह किसी बड़े उद्योगपति या कारोबारी ड के मकान हैं, लेकिन यह मकान सांसी समुदाय के लोगों के हैं, जो देश के कई राज्यों में शादी समारोह में नकदी और जेवरात चोरी की वारदातें कर रहे हैं। इनका नेटवर्क संगठित अपराधियों की तरह है। ने यह बच्चों से लेकर महिलाओं से चोरी की वारदातें करवाते हैं। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी देते हैं।
8 वर्षों में देश के 150 स्थानों पर वारदातें कीं। असम और गुवाहाटी में भी चोरी करें। पुलिस की निरंतर कार्रवाई और समझाइश ने मुझे बदलने पर मजबूर किया। अब अपराध छोड़कर अच्छे जीवन की ओर बढ़ना चाहता है अफसर सांसी बताते हैं, वे 20 साल से चोरी कर रहे हैं। गांव के बच्चे और महिलाओं को साथ जोड़ लिया। करीब 500 चोरी की वारदात की हैं। पुलिस ने योजनाओं के बारे में बताया। गलत काम छोड़ने के लिए दबाव बनाया। पुलिस कार्रवाई से परेशान था। मैंने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया। अपने साथियों को भी सरेंडर के लिए कहा है।

आत्मसमर्पण के लिए पुलिस ने रणनीति अपनाई
सांसी समुदाय के कड़िया, गुलखेड़ी, हुलखेड़ी गांवों में आरोपियों के घरों की जिओ टैगिंग की गई। उनकी चल-अचल संपत्ति की जानकारी ली गई।आरोपियों के मोबाइल नंबर, बैंक खाता, गोल्ड लोन अकाउंट्स, आधार कार्ड, वाहनों की जानकारी, प्रति सप्ताह आरोपियों के मोबाइल नंबरों से निगरानी।
इस साल 4 माह में देश के 216 वानों की पुलिस आ चुकीः महीने में शायद ही कोई दिन ऐसा जाता है, जब देश के किसी न किसी राज्य की पुलिस राजगढ़ के कड़िया गांव में दबिश के लिए नहीं आती हो। इस वर्ष जनवरी से अप्रैल माह तक 216 थानों की पुलिस आ चुकी है। वर्ष 2023 में 460 और 2024 में 557 थानों की पुलिस राजगढ़ आई है।
44 आरोपियों ने चोरी की वारदातों से तौबा की
अभिषेक सांसी, अतुल सांसी, ऋषिकेश सांसी, रुखशाना सांसी, बालकिशन सांसी, ऋषि सांसी, हरियत सांसी, शंकर सांसी, सोहन सांसी, कोहिनूर सांसी, काला सांसी, अफसर सांसी, राजकुमार सांसी, रतनसिंह सांसी, दिलीप सांसी, शमशेर सांसी, जैकी सांसी, पवित्रा सांसी, इशिका सांसी, नगमा सांसी, जगदीश सांसी, अजब सांसी, शोभाराम, ओम, बसंत, सोहन, विकास, मोनू, मीनाक्षी, शमशेर छायल निवासी गुलखेडी, शैलेन्द्र सांसी, नगमा, गुरुदीप सांसी, संजू मौजूदगी में सरेंडर किया है।

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