आर्थिक धोखाधड़ी की पड़ताल करेगी खास टीम

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भोपाल / साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए स्टेट साइबर सेल अब कई मोर्चों की तैयारी कर रहा है। सबसे अहम कदम है स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का गठन। इसमें ट्रेंड छह लोगों को शामिल किया गया है। ये सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों की पड़ताल करेंगे। एसओजी की टीम ने ब्लूप्रिंट तैयार किया है। मुख्य रूप से इस बात का ध्यान रखा गया है कि पहले किस स्तर के मामलों को सुलझाया जाए।
कमांड सेंटर तैयार
एसओजी का केंद्रीय कमांड सेंटर साइबर मुख्यालय में तैयार किया गया है। यहां से प्रदेशभर में ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। खास ये है कि एसओजी की टीम एक केस को चिह्नित कर प्रदेश और देश के किसी भी हिस्से में कार्रवाई को अंजाम देने जा सकती है। दरअसल, एसओजी के गठन का मुख्य उदेश्य यह है कि आर्थिक धोखाधड़ी से जुड़े कई मामले वर्षों से लंबित है। खासतौर पर ऐसे मामलों को चिह्नित कर इनका निराकरण किया जाएगा।
541 करोड़ की ठगी
प्रदेश में साइबर ठगी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। बीते चार सालों में इसने सबसे ज्यादा रफ्तार पकड़ी है। प्रदेश साइबर सेल के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 से 2024 के बीच प्रदेशभर में 541 करोड़ रूपए का फाइनेंशियल फ्रॉड किया गया है। जिसमें से 10 प्रतिशत से भी कम राशि होल्ड हो पाई है।
आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों के जल्द निराकरण के लिए स्टेट साइबर सेल ने एसओजी का गठन किया है। एसओजी की टीम पूरे प्रदेशभर के आर्थिक धोखाधड़ी से जुड़े मामलों पर काम करेगी।
प्रणय नागवंशी, एसपीस्टेट साइबर सेल
बैंकों से तालमेल
आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में बैंकों से समन्वय बनाया जाना किसी केस की अहम कड़ी मानी जाती है। लिहाजा एसओजी को काम सौंपा गया है कि वो बैंकों से तालमेल बनाकार मामलों का निराकरण करें। एसओजी ने बैंकों से संपर्क कर मामलों की सूची तैयार की है।

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