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⚠️ प्रतिबंध के बावजूद हादसा: बायपास पर पतंग की डोर बनी जानलेवा
इंदौर में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहाँ चाइनीज मांझे के कारण 16 साल के एक छात्र गुलशन (पिता रामकिशन) की जान चली गई। रविवार को तेजाजी नगर बायपास पर हुई यह घटना एक बार फिर प्रतिबंधित मांझे की बिक्री और उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
ओमेक्स सिटी निवासी गुलशन अपने भाई अरुण और दो दोस्त विशाल तथा कृष्णा के साथ बाइक से रालामंडल घूमने गए थे। लौटते वक्त रास्ते में अचानक एक पतंग का मांझा गुलशन की गर्दन में फँस गया, जिससे गहरा कट लगा और अत्यधिक खून बह गया।
दुखद घटना का क्रम
| समय/स्थान | घटनाक्रम | स्थिति |
| हादसा स्थल | तेजाजी नगर बायपास | पतंग का मांझा गर्दन में फँसा। |
| प्रारंभिक मदद | घटनास्थल पर कार सवार एक परिवार ने मदद की। | छात्र को तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया। |
| अस्पताल में | निजी अस्पताल ने इलाज से इनकार किया। | एमवाय अस्पताल ले जाते समय छात्र ने दम तोड़ दिया। |
पुलिस और परिवार का बयान
- भाई का बयान: गुलशन के भाई अरुण ने बताया कि बाइक चलाते वक्त डोर अचानक बीच में आ गई। उन्होंने और दोस्तों ने डोर पकड़ने की कोशिश की, जिससे उनके हाथों में भी चोट आई।
- पुलिस जाँच: तेजाजी नगर थाने के टीआई देवेंद्र मरकाम ने बताया कि कार सवार परिवार ने बच्चे को तुरंत निजी अस्पताल पहुँचाया, लेकिन गंभीर चोट के कारण वहाँ इलाज से इनकार कर दिया गया।
- AC P का बयान: एसीपी राजेश बिलवाल ने कहा कि गुलशन की चोट गंभीर थी और ज्यादा खून बहने के कारण उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रारंभिक जाँच में अभी चाइनीज डोर की पुष्टि नहीं हुई है, पुलिस मामले की विस्तृत जाँच कर रही है।
“गुलशन की चोट गंभीर थी। ज्यादा खून बहने के कारण उसने अस्पताल पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दिया।” – एसीपी राजेश बिलवाल
🛑कौन था गुलन? और प्रतिबंध कब लगा?
- पीड़ित: मृतक गुलशन 8वीं कक्षा में पढ़ता था। वह अपने मजदूर पिता रामकिशन की आर्थिक मदद करने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ छोटा-मोटा काम भी करता था। परिवार मूल रूप से अशोक नगर में ठीकरी का रहने वाला है।
- प्रशासनिक चूक: इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने दुर्घटना से कुछ दिन पहले ही, 25 नवंबर को, चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाया था। प्रतिबंध आदेश में साफ कहा गया था कि मांझा पशु-पक्षियों के लिए भी खतरा है और इसे बेचना या स्टॉक करना प्रतिबंधित है, उल्लंघन पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
यह हादसा प्रशासन के प्रतिबंध को लागू करने में बरती गई लापरवाही और इस जानलेवा मांझे के प्रति लोगों की बेपरवाही को दर्शाता है।




