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इंदौर / पुलिस ने अपराधियों और नशा करने वालों पर लगाम कसने के लिए अपनी रणनीति को हाईटेक मोड़ दे दिया है। शहर के चौराहों, सड़कों और गलियों में तो पुलिस टीम मैदान में उतरकर चेकिंग कर ही रही है, लेकिन अब वह ड्रोन से पेट्रोलिंग कर शेडो एरिया (ऐसी जगहें जहां पुलिस की सीधी नजर नहीं जाती) पर भी निगरानी रख रही है।
ड्रोन से निगरानी अब कोई नहीं छिप पाएगा
पुलिस के मुताबिक कई थाना क्षेत्रों में ऐसी जगहें हैं — जैसे खाली मैदान, पुराने स्कूल परिसर, रेलवे और बस स्टैंड के पीछे के इलाके — जहां संदिग्ध और नशा करने वाले अक्सर छिप जाते हैं।
अब ड्रोन कैमरे से इन इलाकों की ऊपर से मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि पुलिस की नजर हर कोने में पहुंच सके।
“शहर के चारों जोनों में ड्रोन पेट्रोलिंग शुरू की गई है। इससे शेडो एरिया में भी संदिग्धों की पहचान और कार्रवाई आसान हो गई है।”
— एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया
ये हैं वो ‘शेडो एरिया’, जिन पर रखी जा रही है नजर
- शराब दुकानों के पीछे के खाली हिस्से
- सरकारी स्कूलों और मैदानों के आसपास
- रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के पीछे का इलाका
- गुमटियों और खाली प्लॉटों के आसपास की जगहें
इन इलाकों में नशा करने वाले और असामाजिक तत्व अक्सर छिपकर बैठते हैं। अब ड्रोन की मदद से पुलिस उन तक तुरंत पहुंच बना पा रही है।
संदिग्ध दिखते ही टीम करती है घेराबंदी
ड्रोन पेट्रोलिंग के दौरान अगर कैमरे में कोई संदिग्ध दिखाई देता है, तो पुलिस कंट्रोल रूम से मैदानी टीमों को तुरंत अलर्ट किया जाता है।
दो टीमें इलाके को अलग-अलग दिशाओं से घेरकर कार्रवाई करती हैं। हाल ही में चंदन नगर पुलिस ने सिरपुर तालाब के पास ड्रोन की मदद से एक व्यक्ति को अवैध मादक पदार्थ पीते हुए पकड़कर कार्रवाई की थी।
पुलिस की व्यवस्था को बनाया जा रहा स्मार्ट
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ड्रोन से पेट्रोलिंग का मकसद पेट्रोलिंग और चेकिंग को अधिक इफेक्टिव बनाना है।
इसमें पुलिस के पास मौजूद ड्रोन के साथ-साथ कुछ ड्रोन रेंट पर लेकर भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
“ड्रोन पेट्रोलिंग से न सिर्फ अपराधियों की पहचान आसान हुई है, बल्कि पुलिसिंग भी हाईटेक और फास्ट हो गई है।”
— राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, इंदौर




