DR News India | इंदौर
इंदौर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ढाई महीने की बच्ची को एक्सपायर्ड वैक्सीन लगाने के बाद जब माता-पिता ने आपत्ति जताई, तो डॉक्टर ने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी देते हुए उन्हें अस्पताल से बाहर फिंकवा दिया। पीड़ित दंपती की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
मूसाखेड़ी निवासी राहुल ठाकुर ने बताया कि वह सोमवार रात अपनी ढाई महीने की बच्ची को वैक्सीन लगवाने पत्नी रोशनी के साथ सपना–संगीता रोड स्थित मातरम् हॉस्पिटल पहुंचे थे। यहां पीडियाट्रिशियन डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बच्ची को Hexa-2 वैक्सीन लगाई।
वैक्सीन लगाने के बाद राहुल की नजर फाइल पर चिपके “वैक्सीन रैपर” पर पड़ी, जिस पर एक्सपायरी डेट मई 2025 लिखी थी। इस पर उन्होंने आपत्ति जताई।

रैपर बदलने का आरोप
राहुल के अनुसार, आपत्ति करने पर डॉक्टर ने फाइल से रैपर हटाकर दूसरा रैपर चिपका दिया और बदसलूकी करने लगा। जब राहुल ने पुराना रैपर वापस मांगा तो डॉक्टर ने देने से मना कर दिया। बाद में रैपर टेबल पर दिखा, जिसे उठाने की कोशिश करते ही डॉक्टर ने छीना और धक्का-मुक्की शुरू कर दी।
राहुल का कहना है कि स्टाफ ने भी मारपीट की और उन्हें अस्पताल से घसीटकर बाहर निकाल दिया। दंपती ने बताया कि उनकी बच्ची 8 साल बाद जन्मी है और वैक्सीन को लेकर वह बेहद डरे हुए हैं।
पैसे देकर मामला दबाने की कोशिश
राहुल के मुताबिक, डॉक्टर ने बाद में कहा—“आप वैक्सीन के पैसे ले लीजिए, मामला खत्म करते हैं।” दंपती किसी तरह वहां से निकलकर रात 12 बजे जूनी इंदौर थाने पहुंचे और FIR दर्ज कराई। आज वे मामले को लेकर कलेक्टर से भी मिले।
राहुल ने बताया कि बच्ची लगातार रो रही है और सुस्त है, जिससे माता-पिता बेहद चिंतित हैं। वह दूसरे डॉक्टर से मेडिकल जांच करवाने की तैयारी कर रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई
जूनी इंदौर थाना प्रभारी अनिल गुप्ता ने पुष्टि की कि डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है और मामले की जांच जारी है।
डॉक्टर ने कहा—इंक्वायरी चल रही है
दैनिक भास्कर द्वारा संपर्क करने पर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि—“मामले में विभागीय इंक्वायरी चल रही है। अधिकारियों को अपना पक्ष दे रहा हूं, जल्द ही मीडिया को भी जानकारी दूंगा।”

एक्सपायर्ड वैक्सीन से क्या जोखिम?
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य सेवा के रिटायर्ड जॉइंट डायरेक्टर डॉ. शरद पंडित के अनुसार—
- एक्सपायर्ड वैक्सीन की पोटेंसी कम हो जाती है, इसलिए प्रभाव कम होता है।
- कुछ वैक्सीन में टॉक्सिक शॉक या एडवर्स रिएक्शन का हल्का जोखिम होता है।
- इस मामले में राहत की बात है कि बच्ची को अब तक कोई गंभीर दिक्कत नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि Hexa वैक्सीन बच्चों को डिप्थीरिया, टिटनेस, मीज़ल्स, पर्ट्यूसिस समेत कई बीमारियों से सुरक्षा देती है। ऐसे मामलों में विभाग और पुलिस, दोनों स्तरों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है।





