इंदौर में दो सिर की बच्ची का जन्म, दो दिल लेकिन बचने की संभावना बेहद कम

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डॉक्टर बच्ची को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि ऐसे केस में सर्वाइवल रेट बेहद कम होता है।

drnewsindia.com/इंदौर के एमटीएच अस्पताल में मंगलवार को एक असाधारण जन्म हुआ। बच्चे के सिर से जुड़े दो सिर (Parapagus dicephalus conjoined twins) दिखे, जो एक ही धड़ साझा करते हैं। इस स्थिति के साथ बच्चे में दो दिल, दो जिगर, दो फेफड़े, लेकिन एक ही शरीर मिली है। यह विकृति मेडिकल दृष्टि से अत्यंत दुर्लभ है और लगभग 2 लाख में एक जन्म में पाई जाती है।


❤️ हार्ट डिफेक्ट और गंभीर स्थिति

  • जांच में चार में से एक दूसरा दिल दोषपूर्ण निकला, जिसमें वेंट्रिक्युलर होल या वाल्व संबंधित गंभीर कमी पाई गई।
  • एक दिल पर अत्यधिक दबाव होने के कारण सांस लेने में कठिनाई, और व्हेंटिलेटर पर बनी हुई स्थिति है। डॉक्टर्स ने बताया कि बचने की संभावना 0.1% से भी कम है।

पेरेंट्स की प्रतिक्रिया

मूलतः देवास जिले के पलासी गांव की रहने वाली 22 वर्षीय माँ और परिवार गर्भावस्था के दौरान बच्चे को जुड़वाँ समझ रहे थे। हालांकि अनेटल चेकअप्स में यह विकृति किसी सोनोग्राफी में स्पष्ट नहीं हुई थी। इस अप्रत्याशित स्थिति ने परिवार को भी हैरानीचकित कर दिया।


चिकित्सकीय चुनौतियाँ एवं आगे की रणनीति

  • चिकित्सा टीम में सरोगेट सर्जन, नवजात विशेषज्ञ, इमेजिंग एक्सपर्ट और कार्डियोलॉजिस्ट शामिल हैं।
  • टीम ने स्पष्ट किया कि इस स्थिति में सर्जिकल विभाजन संभव नहीं, क्योंकि दूसरा सिर गर्दन से जुड़े हुए है और मुख्य अंग साझा किए गए हैं।
  • अतः यह केस एक लंबी, जटिल मेडिकल निगरानी की मांग करता है। यदि बच्ची बच भी जाए, तो जीवन अत्यधिक चिकित्सा‑मदद पर निर्भर रहेग

इस दुर्लभ वैदिक मामले ने इंदौर के मेडिकल सेक्टर को एक बार फिर चुनौती दी है। जबकि प्रशासन बच्चों की जीवन रक्षा में लगातार प्रयास कर रहा है, परंतु इस स्थिति की नैदानिक जटिलता, लंबी अवधि देखभाल और संवेदनशील निर्णयों की आवश्यकता इसे चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण केस बनाती है।


जानकारी तालिका

बिंदुविरण
जन्म की तारीख22 जुलाई 2025 ~ MTH अस्पताल, इंदौर
नवजात का वजन2.8 किलोग्राम
अजीब स्थितिएक धड़, दो सिर, दो दिल, एक शरीर
मेडिकल चुनौतीहार्ट डिफेक्ट, सांस की गंभीर समस्या
जीवित रहने की संभावनाबेहद न्यूनतम (~0.1%)
सर्जिकल विभाजनचिकित्सा कारणों से संभव नहीं

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