इंदौर में गुरुवार को एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जहां धर्मांतरण के आरोपों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए युवक-युवतियों के साथ खुलेआम मारपीट की गई। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने इन पर हमला किया, युवतियों से धक्का-मुक्की की और सरेआम मुंह पर कालिख पोती। यह घटना प्रेस क्लब परिसर में हुई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले हमला

पत्रकार सौरभ बनर्जी और उनकी साथियों ने खुद पर लगे धर्मांतरण के आरोपों को खारिज करते हुए प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करने का फैसला किया था। लेकिन कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले ही बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए और उन पर हमला बोल दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि मीडियाकर्मियों को बीच-बचाव करना पड़ा। बाद में पुलिस ने सभी को भीड़ से सुरक्षित निकालकर थाने पहुँचाया।
बजरंग दल का आरोप: जंगल में चल रहा था धर्मांतरण
बजरंग दल के विभाग संयोजक अविनाश कौशल ने आरोप लगाया कि देवास के जंगलों में इन लोगों द्वारा बड़े स्तर पर धर्मांतरण करवाया जा रहा है। उनका कहना है कि जब ये लोग इंदौर आए तो उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन जवाब में धमकियां मिलीं।
पुलिस की कार्रवाई: गहन जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलने पर देवास और इंदौर पुलिस मौके पर पहुंची। देवास जिले के शुक्रवासा गांव से इन युवक-युवतियों के जंगल में रहने की शिकायत पहले ही पुलिस को मिल चुकी थी। बताया गया कि इन लोगों ने एक आदिवासी की 6.5 बीघा जमीन मात्र दो हजार रुपये में किराए पर ली थी। वहां टपरी बनाकर रह रहे थे। पुलिस ने मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य सामग्री जब्त कर ली है।
टीआई अजय गुर्जर के अनुसार, आरोप गंभीर हैं और हर एंगल से जांच की जा रही है। इन युवकों में कुछ पश्चिम बंगाल और शहडोल के हैं, जबकि युवतियां इंदौर की रहने वाली हैं।
सौरभ बनर्जी का पक्ष: सभी आरोप झूठे
प्रेस से बात करते हुए सौरभ बनर्जी ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। वे पूजा-पाठ करने वाले हैं और धर्मांतरण से कोई संबंध नहीं रखते। उन्होंने बताया कि वे सामाजिक कार्य करते हैं और उनकी सभी गतिविधियों की जानकारी प्रशासन को होती है।
पत्रकार और महिला को खुलेआम धमकियां
घटना के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ता सौरभ और युवती को खुलेआम जान से मारने की धमकी दे रहे थे। मीडिया से बातचीत करने से भी उन्हें रोका गया। बाहर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा और अन्य युवक भी हमले की चपेट में आए।

वीनतम जांच के अनुसार, इंदौर में जंगलों में ट्री-हाउस व टपरी में रहने वाले सौरभ बनर्जी और उनकी टीम पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया, जिसमें उन्हें थप्पड़ मारे गए और मुंह पर कालिख पोती गई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में धर्मांतर या विदेशी फंडिंग के आरोप को बेबुनियाद बताया गया है—कोई भी सबूत सामने नहीं आया है
अपडेट्स:
- धर्मांतरण व विदेशी फंडिंग के आरोप गलत पाए गए: प्रारंभिक जांच में इन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला
- जंगल की टपरी व ट्री‑हाउस: चार-पाँच टपरी और एक ट्री‑हाउस मिला, जहाँ युवक‑युवतियाँ रह रहे थे
पुलिस अभी भी गहन जांच कर रही है—डिजिटल साक्ष्यों की पड़ताल जारी है, और पुलिस का कहना है कि किसी भी स्थिति में यदि आरोप सही साबित होते हैं, कार्रवाई होगी।
बता दें कि यह जानकारी आज (24 जुलाई 2025) प्राप्त की गई है।




