उज्जैन / में शुक्रवार को इस्कॉन मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली। इससे पहले मंगल आरती और विधि विधान पूजा के बाद भगवान जगन्नाथ को नंदी घोष रथ, देवी सुभद्रा को दर्पदलन और बलभद्र को तालध्वज रथ पर विराजित किया गया। यात्रा में सबसे पहले बलराम उसके बाद सुभद्रा और फिर भगवान जगन्नाथ का रथ चला है।

इस मार्ग से निकल रही रही यात्रा
यात्रा में शामिल रथों की ऊंचाई 21 से 25 फीट तक है। नगर के प्रमुख मार्गों पर सत्कार मंच, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां अहीर, गोंड व कोरकू जनजातीय नृत्य करते चल रहे हैं। भव्य रथ यात्रा में झांकी, घोड़े, हाथी, बैलगाड़ी और नृत्य मंडलियां आकर्षण का केंद्र रहे। महिला, पुरुष, बच्चे सहित सभी भक्तों ने भगवान का रथ खींचा। रथ के आगे सोने की झाड़ू से सफाई की जा रही है। यात्रा में ड्रोन से पुष्प वर्षा की गई। इस्कॉन-उज्जैन द्वारा भगवान जगन्नाथ की 19वीं रथ यात्रा के समापन में सीएम डॉ मोहन यादव भी शामिल होंगे।

इधर, ग्वालियर के कुलैथ स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से भगवान रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकले। रथ 12 फीट ऊंचा और 3 फीट चौड़ा है। इसकी लंबाई 5 फीट है। भक्तों ने रस्सियों की मदद से रथ को खींचा। मंदिर में स्थापित प्रतिमाएं 178 वर्ष पुरानी हैं।
उधर, इंदौर के पावनसिद्ध धाम श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में भव्य रथयात्रा की शुरुआत हुई। भगवान वेंकटेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए पूरे लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण पर निकले हैं। प्रदेश के अलावा देश के अन्य शहरों से भी भक्त यात्रा में शामिल होने के लिए इंदौर आए है।

इस मार्ग से निकल रही रही यात्रा
भगवान जगन्नाथ की यात्रा मंडी चौराहा से प्रारंभ होकर चामुंडा माता चौराहा, टावर, तीन बत्ती चौराहा, देवास रोड होती हुई कालिदास अकादमी स्थित गुंडिचा पहुंचेगी। कालिदास अकादमी परिसर में भव्य गुंडिचा मंदिर की स्थापना होगी। यहां पर सीएम मोहन यादव शाम को रथ यात्रा की आरती कर भगवान का आशीर्वाद लेंगे।

7 दिनों तक गुंडिचा मंदिर में विश्राम करेंगे देव
इस्कॉन मंदिर का सांस्कृतिक पर्व 27 जून से 5 जुलाई तक मनाया जा रहा है। इस आयोजन के तहत प्रतिदिन आरती, कथा, कीर्तन, प्रसाद वितरण व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। मैथली ठाकुर सहित राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की प्रस्तुति होंगी। भगवान 7 दिनों तक गुंडिचा मंदिर में विश्राम करेंगे, 5 जुलाई को वापसी रथ यात्रा निकाली जाएगी।
