एक्वा पार्क में डिजिटल एक्वेरियम, वॉटर टनल-3D इंटरेक्टिव जोन भोपाल में 40 करोड़ रुपए से बनेगा, भूमिपूजन आज; मछलियों की दुनिया बसेगी

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भोपाल / के भदभदा में एक्वा पार्क के लिए शनिवार को भूमिपूजन होगा। इसमें मछलियों की नई दुनिया बसेगी। 40 करोड़ रुपए में तैयार होने वाले एक्वा पार्क में डिजिटल एक्वेरियम, वॉटर टनल, 3D इंटरेक्टिव जोन भी होंगे। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 25 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। वहीं, प्रदेश सरकार 15 करोड़ रुपए दे रही है। इस तरह 40 करोड़ रुपए का यह बड़ा प्रोजेक्ट रहेगा।

ये रहेंगी सुविधाएं

एक्वा पार्क न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा, बल्कि बच्चों के लिए रोमांच, शिक्षा, शोध और कौतूहल का नया केंद्र भी बनेगा। एक्वा पार्क में समुद्री और मीठे पानी की मछलियों की सैकड़ों प्रजातियां देखने को मिलेंगी। इसमें डिजिटल एक्वेरियम, वॉटर टनल, 3D इंटरेक्टिव जोन, बच्चों के लिए सी-लाइफ लर्निंग सेंटर, रिसर्च सेंटर (मछली पालन की पारंपरिक और नवीन तकनीक की डेमोस्ट्रेशन यूनिट), मत्स्य सेवा केंद्र (मछली पालकों के प्रशिक्षण के लिए) होंगे। इस पार्क में आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट और इन्क्यूबेशन सेंटर, कैफेटेरिया (रंगीन मछलियों का प्रदर्शन और मछली से जुड़े गिफ्ट आइटम) एवं पर्यावरण शिक्षा और संरक्षण जैसे कार्यक्रम भी उपलब्ध होंगे।

प्रकृति के लिए संवेदनशील होंगे युवा

एक्वा पार्क के जरिए नई पीढ़ी सिर्फ मछलियां नहीं देखेगी, बल्कि पानी और प्रकृति के प्रति संवेदनशील भी बन सकेगी। इस पार्क का निर्माण भदभदा स्थित मछलीघर में प्रस्तावित है। एक्वा पार्क इतिहास और भविष्य के बीच एक पुल बनने जा रहा है। राजधानी भोपाल के लिए यह केवल एक पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि स्मृतियों के गलियारे में सैर करने जैसा अनुभव होगा।

पुराने मछलीघर में हाथों में गुब्बारा लेकर रंग-बिरंगी मछलियों को देखने वाले लोग अब अपने बच्चों का हाथ पकड़कर उसी जगह फिर लौटेंगे, लेकिन इस बार रोशनी और तकनीक से सजा हुआ एक भव्य एक्वा पार्क उनकी नई यादों की शुरुआत करेगा।

पहले मिंटो हॉल के पीछे था मछली घर

भोपाल सहित पूरे प्रदेश से भोपाल आने वाले पर्यटकों के जेहन में मछलीघर की एक खास जगह है। कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन हॉल (मिंटो हॉल) के पीछे पुराना मछलीघर था, जहां स्कूल की पिकनिक होती थी। रंगबिरंगी मछलियों को देखकर चौंकते, मुस्कुराते और कभी-कभी डर भी जाते थे। नीली रोशनी में तैरती सुनहरी मछलियां मानो कैनवास पर बनी कोई पेंटिंग थीं। वक्त बीत गया और अब मछलीघर अतीत को समेटे हुए फिर से भोपाल में एक नई पहचान के साथ लौटने जा रहा है। देश के सबसे सुंदर और आधुनिक एक्वा पार्क में से एक भोपाल में आकार लेने जा रहा है।

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