सीहोर / जिले के कई निजी स्कूल शिक्षण संस्थान नहीं होकर पैसे कमाने की दुकान बन गए हैं। निजी स्कूल संचालक स्कूल भवन का उपयोग अपने हिसाब से खुलेआम गैर शिक्षण कार्यों में कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पचामा श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी के पास संचालित स्वस्तिक कॉन्वेंट हायर सेकंडरी स्कूल पचामा का सामने आया है। इस स्कूल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की शिकायत पर जांच करने शिक्षा विभाग की टीम पहुंची तो स्कूल भवन में एक बेकरी संचालित होते मिली। क्लास रूम कॉलेज के स्टूडेंट्स को हॉस्टल की तरह किराए पर दे रखे थे। अब शिक्षा विभाग स्कूल संचालक पर एक लाख रुपए का जुर्माना करते हुए मान्यता निरस्त करने का नोटिस जारी कर रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सीहोर के जिला संयोजक बलवीर राजपूत ने बताया कि संगठन ने 15 मई को डीइओ संजय सिंह तोमर को ज्ञापन देकर बताया कि निजी स्कूलों की मान्यता देने में काफी गड़बड़ियां हुई हैं। एबीवीपी की तरफ से ऐसे सभी स्कूल की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन डीइओ कार्यालय की तरफ से कोई जांच नहीं कराई गई, जिसे लेकर सोमवार को एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ता डीइओ ऑफिस पहुंचे, डीइओ संजय सिंह तोमर से मिले। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि जांच के नाम पर शिक्षा विभाग ने सिर्फ औपचारिकता की है। एबीवीपी के कार्यकर्ता डीइओ ऑफिस से मान्यता प्रभारी मनोज गुप्ता को साथ लेकर पचामा स्थित स्वस्तिक कॉन्वेंट हायर सेकंडरी स्कूल पचामा पहुंचे, जहां पर देखा स्कूल भवन में बेकरी चल रही है। क्लास रूमों का उपयोग हॉस्टल के रूप में किया जा रहा है। स्कूल सिर्फ दस्तावेजों में चल रहा है। अब डीइओ निजी स्कूल में मिली इन गड़बड़ियों को लेकर स्कूल पर एक लाख रुपए जुर्माना और स्कूल की मान्यता निरस्त करने का नोटिस दे रहे हैं। एबीवीपी की तरफ से डीइओ के समक्ष शिकायत कराने वालों में एबीवीपी की प्रांत कार्य समिति सदस्य हर्षित मेवाड़ा, नगर सहमंत्री खुशहाल मोटवानी, विशाल यादव, आदेश पारासर बिना अनुमति चल रहे कोचिंग सेंटर शहर में बिना अनुमति के 50 से ज्यादा कोचिंग सेंटर और ई-लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है। कोचिंग सेंटर और ई-लाइब्रेरी के लिए नगर पालिका और शिक्षा विभाग से अनुमति लेना जरुरी है। नगर पालिका अनुमति देने से पहले फायर सिस्टम, पार्किंग आदि की व्यवस्था देखती है, लेकिन शहर में बिना अनुमति के यह शिक्षण संस्थान इंग्लिशपुरा, भोपाल नाका क्षेत्र में मेन रोड पर संचालित हो रहे हैं। इनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इंग्लिशपुरा रोड पर तो कई कोचिंग सेंटर की भीड़ और बच्चों की साइकिल और बाइक सड़क पर पार्क होने से ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है।