एमपी की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर , राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने चुनाव 5 मई से सितंबर तक कराने का निर्णय लिया है।

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डीआर न्यूज इंडिण/ भोपालमध्य प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई है। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने ये चुनाव 5 मई से सितंबर तक कराने का निर्णय लिया है। इससे पहले यह चुनाव 2013 में हुए थे और तब से अब तक पैक्स के चुनाव नहीं हो पाए थे। इसके लिए मतदाता सूची तैयार करने का काम तेजी से शुरू हो गया है। 14 मई को सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने चुनाव कार्यक्रम एक साल पहले जारी किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते इसे टाल दिया गया था। अब, प्रदेश की 4531 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में अध्यक्ष और सदस्यों के चुनाव किए जाएंगे। यह चुनाव किसानों के जरिए किए जाते हैं। चुनाव चार चरणों में होंगे और इस प्रक्रिया के तहत समितियों और बैंकों में संचालक मंडल का गठन किया जाएगा। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले जबलपुर में चुनाव को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने दिसंबर 2023 में चुनाव कराने के निर्देश दिए, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण चुनाव प्रक्रिया में और देरी हुई।

चुनाव न होने से यह दिक्कत
चुनाव न होने के कारण समितियों और बैंकों में नीतिगत निर्णय नहीं लिए जा पा रहे हैं। किसानों से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, समितियों के विस्तार और कारोबार में भी निर्णय समय पर नहीं हो पा रहे हैं। प्रशासक केवल प्रशासनिक कामों पर ध्यान देते हैं, जिससे समितियों की प्रमुख गतिविधियों में देरी होती है।

इन समस्याओं का समाधान होगा
यह चुनाव पिछले कई वर्षों से लंबित हैं, लेकिन अब प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसके तहत, 25 हजार से अधिक कर्मचारियों की जरूरत होगी, जिन्हें जीएडी से आदेश जारी कर चुनाव कराने के लिए नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, चुनाव को सुचारू रूप से संचालन के लिए पुलिस बल की भी आवश्यकता होगी।

संस्था में प्रशासकों की स्थिति
चुनाव न होने के कारण, प्रदेश की लगभग 4531 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में फिलहाल प्रशासक कार्यरत हैं। इसी तरह प्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों और अपेक्स बैंक में भी प्रशासक कार्य कर रहे हैं।

वर्ष 2013 में हुए थे चुनाव
वर्ष 2013 में चुनाव के बाद पांच वर्ष के लिए संचालक मंडल ने काम किया। इसके बाद वर्ष 2018 में चुनाव होना था, लेकिन विधानसभा चुनाव के चलते पैक्स चुनाव टल गया। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव आ गया। इसके बाद कांग्रेस सरकार चुनाव की तैयारी करा रही थी, फिर सरकार गिर गई। वर्ष 2020 में कोरोना आ गया, इसके बाद निकाय चुनाव शुरू हो गए। वर्ष 2023 में चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई। कोर्ट ने दिसम्बर 2023 में सरकार को चुनाव कराने के निर्देश दिए। इसके बाद फिर अलग-अलग कारणों से चुनाव टल गए।

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