अब सिर्फ ई-स्टाम्प चलेंगे, हर साल 30 करोड़ से ज्यादा की होगी बचत
drnewsindia.com | भोपाल
मध्य प्रदेश में अब जमीन-मकान की रजिस्ट्री से लेकर शपथ-पत्र और किरायानामा जैसे सभी दस्तावेजों के लिए सिर्फ डिजिटल स्टाम्प (E-Stamp) ही मान्य होंगे। सरकार ने प्रदेश में स्टाम्प पेपर की छपाई पूरी तरह बंद करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है, और मंजूरी मिलते ही कागजी स्टाम्प पेपर अतीत की बात बन जाएंगे।
2015 में 100 रुपये से अधिक मूल्य वाले स्टाम्प पेपर बंद किए गए थे
करीब 10 साल पहले, यानी 2015 में सरकार ने 100 रुपये से अधिक मूल्य वाले स्टाम्प पेपर की छपाई बंद कर दी थी।
तब से अब तक 100 रुपये से अधिक मूल्य के सभी स्टाम्प डिजिटली ही जारी किए जा रहे हैं।
अब सरकार सभी श्रेणियों के स्टाम्प को डिजिटल मोड में लाने की तैयारी में है।

30–35 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होगी
स्टाम्प पेपर की प्रिंटिंग, परिवहन और वितरण पर सरकार हर साल लगभग 30 से 35 करोड़ रुपये खर्च करती है।
डिजिटल सिस्टम लागू होने के बाद यह खर्च पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
ई-स्टाम्प से पारदर्शिता और ट्रैकिंग में सुविधा

मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) जुलाई 2013 में शुरू किया गया था।
इस सिस्टम में स्टाम्प पेपर को अधिकृत वेंडर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए खरीदा जा सकता है।
डिजिटल स्टाम्प की मदद से स्टाम्प का दुरुपयोग रोकना और उसकी ट्रैकिंग आसान हो जाती है।
ऐसे खरीदें ऑनलाइन ई-स्टाम्प — स्टेप बाय स्टेप गाइड
ई-स्टाम्पिंग पोर्टल पर जाएं: मध्य प्रदेश के आधिकारिक ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या अन्य मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म पर लॉगिन करें।
2️⃣ दस्तावेज श्रेणी चुनें: बिक्री विलेख, किराया समझौता या शपथ-पत्र जैसी श्रेणी चुनें।
3️⃣ विवरण भरें: लेनदेन से जुड़ी जानकारी दर्ज करें।
4️⃣ ऑनलाइन भुगतान करें: नेट बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड से शुल्क जमा करें।
5️⃣ डिजिटल सर्टिफिकेट डाउनलोड करें: भुगतान सफल होते ही तुरंत ई-स्टाम्प सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
🏢 अधिकृत वेंडर से भी मिलेंगे ई-स्टाम्प
अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं कर पाता है, तो वह अपने शहर में अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी ई-स्टाम्प खरीद सकता है।
वेंडर आवश्यक शुल्क लेकर आपको डिजिटल स्टाम्प सर्टिफिकेट जारी करेगा।
🔎 सरकार का लक्ष्य – पूर्ण डिजिटलीकरण और पारदर्शिता
इस पहल का उद्देश्य कागजी प्रक्रिया को खत्म कर डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम लागू करना है।
सरकार का मानना है कि ई-स्टाम्प व्यवस्था से राजस्व रिसाव पर रोक, भ्रष्टाचार में कमी, और लोगों के लिए सुविधा बढ़ेगी।
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