इंदौर:11 हजार ने दी परीक्षा, सिर्फ 3200 पास; 1 हजार छात्र फेल हुए तो सात हजार को एटीकेटी
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट सिर्फ 29 फीसदी रहा है। 70 से ज्यादा कॉलेजाें के 11 हजार छात्राें ने यह परीक्षा दी थी, लेकिन इनमें से सिर्फ 3200 पास हुए हैं, जबकि 1 हजार छात्र फेल हुए तो 7 हजार काे एटीकेटी आई है। ज्यादातर छात्राें काे दाे विषयाें कॉन्टेटिव टेक्निकल व अकाउंट फॉर मैनेजर्स विषय में ही एटीकेटी मिली है। खराब रिजल्ट काे लेकर दाेपहर में एक कॉलेज के छात्राें ने नालंदा कैंपस पहुंचकर विराेध जताया। उन्हाेंने दावा किया कि परचा पूरा सही हल करने के बाद भी उन्हें कम मार्क्स मिले हैं। मूल्यांकन में लापरवाही हुई है।
इधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि इन छात्राें की कॉपियां अलग से जंचवाई जाएंगी। अगर मूल्यांकन में काेई गलती निकलती है ताे दाेबारा मूल्यांकन पर विचार हाेगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी के अनुसार छात्राें की शिकायत मिल गई है। परचे में आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न व तकनीकी गलती की भी शिकायत आई थी, उसे ध्यान में रखते हुए ही आगे मूल्यांकन देखेंगे।
यह गलती आई थी परचे में : इन छात्राें को अकाउंट फॉर मैनेजर्स विषय की परीक्षा में जाे परचा दिया गया था, उसमें विकल्प ताैर पर दिए जाने वाले दाे अतिरिक्त प्रश्न नहीं दिए थे। छात्राें काे सभी चार प्रश्न अनिवार्य हल करना पड़े थे। दूसरे परचे में भी तकनीकी गलती हुई थी।
खराब रिजल्ट काे लेकर स्टूडेंट्स नालंदा कैंपस पहुंचे, बोले- पूरा परचा सही किया था
एक्सपर्ट्स बाेले- गंभीरता से मूल्यांकन जरूरी प्राेफेसर डॉ. रॉबिन नीमा कहते हैं जब भी इस तरह की शिकायत आती है ताे रिव्यू के दाैरान गंभीरता जरूरी है। रिव्यू में मूल्यांकनकर्ता टाेटलिंग की गलती, अधूरे या बिना जंचे जवाब देखते हैं, लेकिन इसमें प्रश्नाें का दाेबारा मूल्यांकन हाेगा ताे छात्राें की शिकायत का सही समाधान मिलेगा।