डीआर न्यूज इंडिणया
खजुरिया कला और सौंठी में दो अलग-अलग धार्मिक आयोजनों की धूम मची हुई है। खजुरिया कला में 31 कुण्डीय रूद्र महायज्ञ और सौंठी में एकादश कुण्डीय श्रीराम जानकी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
इन आयोजनों के दूसरे दिन शिव विवाह की कथा सुनाई गई। कथा वाचक ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की कथा विस्तार से सुनाई। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति में डूबकर उनकी स्तुति की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
महायज्ञों के आयोजकों ने बताया कि इन आयोजनों का उद्देश्य भगवान की पूजा-अर्चना करना और उनके आशीर्वाद से सभी की मनोकामनाएं पूरी करना है। इन महायज्ञों में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति होगी।
महायज्ञों के दौरान श्रद्धालुओं को विशेषज्ञ पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण और हवन के माध्यम से भगवान की पूजा-अर्चना कराई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को भगवान की कृपा और आशीर्वाद से सभी की मनोकामनाएं पूरी होंगी।
इन आयोजनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं और भगवान की भक्ति में डूबकर उनकी स्तुति कर रहे हैं। महायज्ञों के आयोजकों ने बताया कि आगे भी कथा और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति होगी।
खजुरिया कला में 31 कुण्डीय रूद्र मह यज्ञ की धूम’
खजुरिया कला में आयोजित 31 कुण्डीय रूद्र मह यज्ञ की धूम मची हुई है। इस महायज्ञ के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे। कथा वाचक अर्चना दीदी ने कथा के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं को शिव विवाह की कथा सुनाई।
कथा वाचक अर्चना दीदी ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की कथा विस्तार से सुनाई। उन्होंने बताया कि भगवान शिव की तपस्या और माता पार्वती की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया। कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति में डूबकर उनकी स्तुति की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
महायज्ञ के आयोजकों ने बताया कि 31 कुण्डीय रूद्र मह यज्ञ का उद्देश्य भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना और उनके आशीर्वाद से सभी की मनोकामनाएं पूरी करना है। इस महायज्ञ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति होगी।
महायज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं को विशेषज्ञ पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण और हवन के माध्यम से भगवान शिव की पूजा-अर्चना कराई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद से सभी की मनोकामनाएं पूरी होंगी।
कथा के दूसरे दिन का कार्यक्रम बहुत ही सफल रहा और श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया। महायज्ञ के आयोजकों ने बताया कि आगे भी कथा और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति होगी।
महायज्ञ के आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस महायज्ञ में शामिल हों और भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करें। इस महायज्ञ के माध्यम से सभी की मनोकामनाएं पूरी होंगी और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होगी।