Drnewsindia.com /सीहोर
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर सीहोर जिले के किसानों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार भले ही प्रदेशभर में 1.383 करोड़ रुपये बीमा राशि भेजने का दावा कर रही है, लेकिन उन्हें वास्तविक राहत के बजाय सिर्फ झुनझुना थमा दिया गया है। नाराज किसानों ने खेतों में धान की बालियां लेकर झुनझुना बजाया और सरकार व बीमा कंपनियों के खिलाफ नारेबाजी की।
ऊंट के मुंह में जीरा बताया मुआवजा
किसानों ने बताया कि बीते पांच सालों से सोयाबीन की फसल लगातार प्राकृतिक आपदाओं से खराब हो रही है। हर साल बैंकों द्वारा बीमा प्रीमियम काटा जाता है, लेकिन नुकसान होने पर मुआवजा नाममात्र का मिलता है। कई किसानों को तो सिर्फ 1000से 1100 रुपये दिए गए जिसे उन्होंने ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया।
कंपनियां काट रही प्रीमियम, पर पैसा नहीं
रामाखेड़ी, छापरी, चंदेरी, कुलास सेवनिया और संग्रामपुर के किसानों ने बताया कि पिछले साल भी अतिवृष्टि औरकलास नदी में आई बाढ़ से फसलें तबाह हो गई थीं। तब किसानों ने जल सत्याग्रह किया था, जिसके बाद प्रशासन ने राहत राशि दी, लेकिन बीमा का पैसा आज तक नहीं मिला। किसानों ने कहा कि अगर सरकार बीमा का लाभ नहीं दिला सकती, तो प्रीमियम कटौती भी बंद की जानी चाहिए।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
किसानों और समाजसेवियों का कहना है कि कृषि विभाग, बैंक और बीमा कंपनी किसी से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।केवल बीमा कराने का प्रचार किया जाता है, लेकिन वास्तविक नुकसान की भरपाई नहीं होती। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सही बीमा राशि नहीं मिली, तो वे सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे।