सीहोर / जिला मुख्यालय के समीपस्थ प्रसिद्ध कुबेरेश्वरधाम पर जारी सात दिवसीय आन लाइन शिवपुत्री शिवमहापुराण के अंतिम दिवस कथा का शुभारंभ आठ बजे किया गया। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहाकि शिव भक्ति कठिन नहीं है, बहुत ही सरल है। हमें हर समय भगवान शंकर का स्मरण मात्र करना है। उन्होंने शिव भक्तों को बताया कि शिव महापुराण कथा कहती है कि भगवान भोलेनाथ बहुत भोले हैं, उनको पाने के लिए किसी तंत्र, मंत्र, बहुत साधना और बहुत घंटों की अराधना और पूजा से नहीं, बल्कि केवल एक लौटा जल लेकर भगवान शंकर को समर्पित कर दें और सारी समस्या का हल हो जायेगा।
गुरुवार को पंडित श्री मिश्रा ने कहाकि इस संसार में कौन सुखी है, सभी दुखी है। किसी को शरीर का दुख, किसी का तन, मन और धन का दुख है इसलिए सभी दुखी है। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि उनसे ज्यादा दुखी तो बड़े-बड़े महाराज है। उनके दुख को कोई दूर नहीं कर सकता है। अपने दुख को काटना है तो स्वयं को प्रयास करना पड़ेगा और महादेव के जल चढ़ावों सब दुख दूर हो जायेंगे। इंसान कभी भी खराब नहीं होता उसका समय खराब होता है इसलिए समय को समझें और ऐसे समय को निकलने दें। यह एक समय चक्र होता है, जो हर इंसान की जिंदगी में आता है इसलिए ऐसे खराब समय में विवेक से कार्य करें।
उन्होंने यहां पर उपस्थित श्रद्धालुओं को समझाते हुए कहाकि अपने मन-दिल को दर्पण जैसा बनाओ, कैमरे जैसा नहीं, किसी ने हमें कुछ कह दिया, उसको भूल जाओ, दर्पण के सामने आने पर ही हम दिखाई देता है, लेकिन कैमरे में एक बार नजर आने पर फिट हो जाता है। इसलिए हमें दूसरे की बात पर बुरा नहीं मानकर अपने रास्ते पर चलना चाहिए। शंकर भगवान का चरित्र विश्वास का चरित्र है, जिस दिन अगर शिवजी के प्रति भाव अथवा भरोसा जागृत ना हो सके तो आप शिव महापुराण में जाना, उसके बाद अगर विश्वास और भरोसा जागृत होया, तारेगा भी महादेव और मारेगा भी महादेव तो आपका कल्याण हो जाएगा। महादेव आपको कभी डूबने नहीं देगा, उस पर सच्चा विश्वास होगा तो वह हाथ पकड़ कर खींच कर बाहर कर देगा।
शिव शंकर जपु तेरी माला, भोला सब दुख काटों, खाली ना जाता कोई दर से तुम्हारें, अपने हृदय से लगा लो, लगा लो गिरा जा रहा हूं उठा लो उठा लो, हम सबके कल्याण कर दे भोले बाबा, हर मुश्किल आसान कर दे भोले बाबा,। बुद्धि, संपत्ति और पत्नी का दिखावा नहीं होना चाहिए-
कथा के दौरान पंडित श्री मिश्रा ने कहाकि बुद्धि, संपत्ति और पत्नी का दिखावा नहीं करना चाहिए। कोई व्यक्ति अपनी बुद्धि को दिखाने के लिए झूठी बातें या दिखावा कर सकता है। सच्ची बुद्धि वह है जो ज्ञान, समझ और विवेक से युक्त होती है, जो एक व्यक्ति को सही निर्णय लेने और व्यवहार करने में मदद करती है। दिखावा करने से किसी व्यक्ति की वास्तविक बुद्धि छिप जाती है और वह केवल दिखावा करने के लिए ही जाना जाता है। संपत्ति-लोग अपनी संपत्ति और भौतिक वस्तुओं को दिखाने के लिए विशेष रूप से महंगी चीजें खरीदते हैं और दिखावा करते हैं। संपत्ति का वास्तविक अर्थ है एक व्यक्ति को अपनी जरूरतों को पूरा करने और अपने जीवन को आरामदायक बनाने के लिए संसाधन होना। दिखावा करने से किसी व्यक्ति की वास्तविक संपत्ति छिप जाती है और वह केवल दिखावा करने के लिए ही जाना जाता है।
