विदिशा / खरीफ की बोवनी को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। खाद व बीज उपलब्ध करा दिए गए हैं। साथ ही और मांग की गई है। बोवनी के वक्त किसान परेशान न हों। इसलिए अभी से खाद व बीज भंडारित कर लें। किसान सभी प्रकार की फसल लगाएं। ताकि विशेष परिस्थिति में किसी एक फसल में कीट व रोग सहित अन्य व्याधि की स्थिति बहुत अधिक नुकसान न हो। धान व सोयाबीन के अलावा मक्का, ज्वार, मूंग, उड़द व अरहर की भी बोवनी की जाए।
केएस खपेड़िया, उप संचालक कृषि विभाग
उर्वरक जरूरत – उपलब्ध
यूरिया 40000 18500
डीएपी 25000 3850 एसएसपी 10000 3850
कॉप्लेक्स 15000 4550 एमओपी 200 50
(खाद मीट्रिक टन में है।)
फसल पिछले वर्ष संभावित बोवनी
सोयाबीन 382250 380000
धान 102528 90500
मक्का 21931 28500
उड़द 7526 14000
ज्वार 3882 4000
मूंग 437 2000
अरहर 152 300
कुल 520706 521800
(रकबा हेक्टेयर में है।)
. खरीफ की बोवनी को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग खाद और बीज के बंदोबस्त में जुट गया है। बोवनी के ऐन वक्त पर किसानों को समस्या न हो। इसके लिए अग्रिम उठाव के लिए भी खाद व बीज का भंडारण किया गया है। विभाग की ओर से लगाए गए अनुमान के मुताबिक अब की बार 5.21 लाख हेक्टेयर रकबा में अलग-अलग फसलों की बोवनी संभावित है। कृषि विभाग की ओर से संभावनाओं पर आधारित तैयार रिपोर्ट के मुताबिक अब की बार मक्का, मूंग, उड़द, ज्वार व अरहर जैसी कम सिंचाई वाली फसलों के रकबा में इजाफा होगा। जबकि धान और सोयाबीन की बोवनी में कमी आएगी। इसके बावजूद जिले में सोयाबीन व धान की बोवनी का रकबा बाकी दूसरी फसलों की तुलना में काफी अधिक रहने वाला है। पिछले वर्ष की तुलना में अब की बार सोयाबीन के रकबा में 2250 हेक्टेयर और धान के रकबा में 12028 हेक्टेयर की कमी संभावित है। संभावना है कि किसान सोयाबीन व धान के बजाए किसान मक्का, उड़द व मूंग जैसी फसलों की बोवनी करेंगे। इसके पीछे सिंचाई की सुविधा का अभाव माना जा रहा है।
मक्का की अधिक बोवनी संभावित
अब की बार लटेरी, सिरोंज व कुरवाई क्षेत्र में मक्का की अधिक बोवनी संभावित है। पिछले वर्ष बेहतर उत्पादन मिलने से किसान मक्का की बोवनी को लेकर अधिक उत्साहित हैं। यही वजह है कि इस बार मक्का की बोवनी के रकबा में अधिक बढ़ोतरी संभावित है।
बीज का भी बंदोबस्त
विभागीय अधिकारियों की माने तो निजी विक्रेताओं के जरिए बीज का भी बंदोबस्त कर लिया गया है। धान के 21720 क्विंटल बीज की जरूरत पड़ेगी। इनमें 16200 क्विंटल बीज उपलब्ध हो चुका है। इसी प्रकार मक्का की 6840 क्विंटल संभावित मांग के बीच 3800 क्विंटल बीज उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा है। ज्वार की मांग 560 क्विंटल और उपलब्धता 350 क्विंटल है। सोयाबीन के 108000 क्विंटल बीज की जरूरत होगी।