गुना में आदिवासी परिवार की तीन सगी बहनें लापता , 41 घंटे बाद मिलीं 

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गुना /  वे आइसक्रीम खाने का कहकर घर से निकली थीं। एक-डेढ़ घंटे तक नहीं लौटीं तो परिजन ने तलाश शुरू की। न मिलने पर थाने पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई। 20 पुलिसकर्मियों की 3 टीमें उन्हें करीब 41 घंटे में ढूंढ सकीं।

गुना की नजूल कॉलोनी में रामबाबू सहरिया रहते हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी रोशनी 17 साल, मंझली काजल 15 और छोटी मानसी सहरिया 14 साल की है। काजल नजूल कॉलोनी के ही सरकारी स्कूल में 10वीं जबकि मानसी 8वीं क्लास में पढ़ रही है। रोशनी ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी है। वह घर पर ही रहती है।

रामबाबू सहरिया ने कहा- लड़कियां आइसक्रीम खाने का कहकर घर से निकली थीं।

बुधवार सुबह गुमशुदगी दर्ज कराई

रामबाबू ने बताया- मंगलवार रात करीब 8:30 बजे तीनों बहनों ने आइसक्रीम खाने जाने का बोलकर पैसे मांगे। मैंने दे दिए। इसके बाद वे घर से निकल गईं। काफी देर तक वापस नहीं लौटीं, तो हम उन्हें तलाशने निकले।

रिश्तेदारों-दोस्तों के घर तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद बुधवार सुबह थाने पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई।

सीसीटीवी कैमरे में दिखी थीं पुलिस ने तुरंत लड़कियों की तलाश शुरू की। हनुमान टेकरी रोड पर लगे CCTV कैमरे में वे आखिरी बार दिखीं। इसके बाद कहीं नजर नहीं आईं।

एसपी अंकित सोनी ने कहा, ‘बुधवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे तीनों बच्चियां आरोन इलाके में अपनी नानी के घर पर मिली हैं। पुलिस उन्हें लेकर गुना आ रही है। बच्चियों की मां ने किसी बात को लेकर उन्हें डांट दिया था। इसी बात से नाराज होकर तीनों चली गई थीं।’

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