भोपाल / मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी है। शिवपुरी के कुंअरपुर गांव के पास उफनती पुलिया पार कर रहा ट्रैक्टर बह गया। वहां मौजूद ग्रामीणों ने ट्रैक्टर में सवार चारों लोगों को बचा लिया है। धार जिले के मांडू की खुद नदी में एक युवक की डूबने से मौत हो गई।
ग्वालियर में बारिश के कारण रोड धंस गई, जिससे एक तलघर ढह गया। आसपास के मकानों में दरारें आ गईं। श्योपुर में खिरखिरी नदी उफान पर आ गई, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया।
मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के आखिरी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून आने की आधिकारिक घोषणा कर दी। अब पूरे प्रदेश में मानसून छा गया है।
आज इन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट
अगले कुछ घंटों में 6 जिलों- गुना, शिवपुरी, श्योपुर, रायसेन, विदिशा और नरसिंहपुर में भारी बारिश होने की संभावना है। अशोकनगर, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, सागर, भोपाल, नीमच, मंदसौर, राजगढ़, आगर-मालवा, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, निवाड़ी, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, कटनी, सतना, मैहर, रीवा, पन्ना, सीधी, उमरिया, सिंगरौली, जबलपुर, दमोह और सीहोर में भी बारिश और आंधी का अलर्ट है।
पिछले 24 घंटे के दौरान 27 से ज्यादा जिलों में आंधी-बारिश हुई। सबसे ज्यादा नर्मदापुरम और मंडला में 2 इंच से ज्यादा पानी गिर गया।
ट्रफ, साइक्लोनिक सकुर्लेशन-लो प्रेशर एरिया एक्टिव
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में लो प्रेशर एरिया, तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन और दो ट्रफ की एक्टिविटी है। एक ट्रफ प्रदेश के पास से गुजर रही है। इन वजहों से प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है।
मऊगंज में मानसून आते ही बारिश शुरू
मऊगंज जिले में आज मानसून पहुंच गया। इसी के साथ कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई है। जिले के नईगढ़ी सहित कुछ जगहों पर दोपहर 1:30 बजे से तेज बारिश हो रही है।
भिंड और मऊगंज में भी पहुंचा मानसून
मध्यप्रदेश के आखिरी बचे भिंड और मऊगंज जिले में आज मानसून पहुंच गया है। इसे लेकर मौसम विभाग ने आधिकारिक घोषणा कर दी है। अब पूरे प्रदेश में मानसून छा गया है।
शिवपुर में बहे लोगों को ग्रामीणों ने बचाया
शिवपुरी जिले के कुंअरपुरा गांव में नदी में बही ट्रैक्टर-ट्रॉली में 4 लोग सवार थे। पटेवरी गांव के रहने वाले विनोद आदिवासी, विमल आदिवासी, पूरन आदिवासी और एक ट्रैक्टर चालक मिट्टी से भरी ट्रॉली लेकर शिवपुरी की ओर जा रहे थे। सभी को ग्रामीणों ने बचा लिया है।
शिवपुरी में ट्रैक्टर बहा
शिवपुरी के कुंअरपुर गांव के पास उफनती पुलिया पार कर रहा ट्रैक्टर बह गया। वहां मौजूद ग्रामीणों ने ट्रैक्टर में सवार चारों लोगों को बचा लिया है।
जबलपुर में 11 बजे से रिमझिम
जबलपुर में सुबह 11 बजे से रिमझिम हो रही है। हालांकि मानसून की दस्तक के बाद शहर में कहीं भी तेज बारिश दर्ज नहीं की गई है।
अशोकनगर में लगातार 5 घंटे से बारिश जारी
अशोकनगर में शुक्रवार सुबह 7 बजे से बारिश शुरू हुई जो दोपहर 12 बजे के बाद भी जारी है। लगातार पानी गिरने से छोटे नाले भर गए हैं। बीते 24 घंटे में 31 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
पन्ना में कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश
पन्ना जिले में मानसून के दस्तक देते ही बारिश का दौर शुरू हो गया। लोगों ने छाते निकाल लिए हैं। बीते 24 घंटे में यहां 2.01 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
टीकमगढ़ में बारिश के बाद पारा 40 से 25 डिग्री पर आया
टीकमगढ़ में आज सुबह से रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में 8.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जिले में 1 जून से लेकर 19 जून तक 1.5 इंच औसत बारिश हो चुकी है। मौसम में आए बदलाव से रात का तापमान 25 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जबकि गुरुवार को दिन का तापमान 40 डिग्री
इंदौर में बूंदाबांदी
इंदौर में दोपहर 12 बजे कही-कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई। यहां बादल छाए हुए है
छिंदवाड़ा में रुक-रुककर बारिश
छिंदवाड़ा में सुबह से बारिश का दौर जारी है। गुरुवार शाम भी तेज पानी गिरा था, जिसके बाद रात को कुछ समय के लिए बारिश रुकी। फिर शुक्रवार सुबह से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है।
निवाड़ी के ओरछा में भी बारिश
निवाड़ी जिले के ओरछा में मानसूनी बारिश का दौर जारी है। सड़कों पर पानी भर गया है। मौसम में ठंडक घुल गई है।
नरसिंहपुर में सुबह 5 बजे से गिर रहा पानी
नरसिंहपुर जिले में शुक्रवार तड़के करीब 5 बजे से झमाझम बारिश का दौर जारी है। लंबे समय से गर्मी और उमस से परेशान लोगों को राहत मिली है। बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, आज का अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री मापा गया है।
सीहोर में रुक-रुककर बारिश जारी
सीहोर जिले में आज मानसून सक्रिय है और बुधनी में 58, भेरूंदा में 32, रहटी में 24, सीहोर में 13.2, श्यामपुर में 19, आष्टा में 7, जावर में 3, इछावर में 10 एम बारिश दर्ज हुई। इस साल अब तक सीहोर जिले में 56.1 एमएम हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी समय अवधि में 35.2 एमएम बारिश दर्ज हुई थी।
ग्वालियर में रोड धंसी
ग्वालियर में गुरुवार रात बारिश के कारण रोड धंसने से एक तलघर ढह गया। आसपास के मकानों में भी दरार आ गई।
रायसेन में रातभर बारिश
रायसेन में रातभर बारिश जारी रही, जो गुरुवार रात 8 बजे से शुरू हुई तो सुबह तक जारी है।
नर्मदापुरम में लगातार 6 घंटे बारिश
नर्मदापुरम में गुरुवार रात 12 बजे से शुरू हुई सुबह 6 बजे तक चली। करीब 6 घंटे पानी गिरा। ग्रामीण अंचलों में भी तेज बारिश हुई। मानसून आने के बाद पहली बार है जब 6 घंटे लगातार पानी गिरा। 24 घंटे में यहां 2 इंच बारिश दर्ज की गई।
भोपाल, इंदौर समेत कई जिलों में बारिश, महू में झरना बहा
गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, राजगढ़, अशोकनगर और हरदा समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। मालवा क्षेत्र में भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर आ गए। नीमच में उफनती पुलिया पार करने के दौरान दो बाइक सवार बह गए। लोगों ने उन्हें बचा लिया। नीमच में रूपा नदी के किनारे बसे गांव कंजार्डा में सड़क पर पानी भर गया।
मंदसौर में सड़कों पर डेढ़ फीट तक पानी भर गया। इंदौर के महू में सूखे पड़े झरनों में पानी आ गया है। गुरुवार को पातालपानी के झरने में पानी बहने लगा। ग्वालियर में चलती कार पर पेड़ गिर गया। इस दौरान बारिश भी हो रही थी। बैंक मैनेजर को राहगीरों ने पेड़ काटकर बाहर निकाला। राजगढ़ जिले के ब्यावरा में लगातार तेज बारिश हुई। जिले के सुठालिया, मलावर, करनवास सहित आसपास के गांवों में भी पानी गिरा। नर्मदापुरम, डिंडौरी में भी बारिश दर्ज की गई।
भिंड जिले में नहीं पहुंचा मानसून
इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया। हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 54 जिलों को कवर कर लिया।
बाकी बचे एक जिले भिंड में मानसून के गुरुवार को पहुंचने की संभावना थी, लेकिन यह नहीं पहुंचा। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को भिंड को भी मानसून कवर कर लेगा। बता दें कि एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।
16 जिलों में बारिश, रतलाम में सवा इंच पानी गिरा
प्रदेश के 16 जिलों में गुरुवार को बारिश का दौर रहा। रतलाम में सबसे ज्यादा सवा इंच पानी गिर गया। इंदौर में आधा इंच बारिश हुई। बारिश की वजह से कई शहरों में पारा काफी लुढ़क गया। इंदौर में दिन-रात का तापमान बराबर हो गया है। बुधवार-गुरुवार की रात में तापमान 24.3 डिग्री था, जबकि गुरुवार को यह 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह गुरुवार को प्रदेश में सबसे कम तापमान रहा।
रतलाम और उज्जैन में दिन-रात के तापमान में सिर्फ 2 डिग्री का अंतर रहा। रतलाम में बुधवार-गुरुवार की रात में पारा 24.2 डिग्री रहा था, जबकि गुरुवार को दिन में तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, उज्जैन में रात में 25.5 डिग्री और दिन में 27.5 डिग्री दर्ज किया गया। बालाघाट के मलाजखंड, गुना, रायसेन, पचमढ़ी और धार में भी पारा 30 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 30 डिग्री, इंदौर में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 33.5 डिग्री और जबलपुर में 32.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 40.5 डिग्री रहा।
इस साल मई में टूटे रिकॉर्ड, गर्मी की बजाय आंधी-बारिश
पूरे मई महीने में आंधी, बारिश और ओले वाला मौसम रहा। एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो। एमपी में ऐसा पहली बार हुआ। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीग गए। सिर्फ निवाड़ी ही ऐसा जिला रहा, जहां बूंदाबांदी तो हुई, लेकिन दर्ज नहीं हो सकी। दूसरी ओर, मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे। इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना।
इससे पहले इंदौर में साल 1886 के मई महीने में 107.7 मिमी यानी, 4.2 इंच पानी गिरा था, जबकि इस बार 114.8 मिमी यानी, 4.6 इंच पानी गिर गया है। इस तरह 139 साल में इंदौर का रिकॉर्ड टूट गया है। उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है। इस बार 111.8 मिमी यानी, 4.3 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। साल 2021 में कुल मासिक बारिश 65 मिमी (2.5 इंच) हुई थी। इस हिसाब से उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है।
दूसरी ओर, मई में अप्रैल जितनी गर्मी नहीं रही। अप्रैल में कई शहरों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था। इस साल मई में प्रदेश के किसी भी शहर में दिन का तापमान 43 डिग्री तक भी नहीं पहुंचा। नौतपा में भी कम ही गर्मी रही। नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी जैसे शहरों में ही पारा 40 डिग्री के पार पहुंचा। बाकी शहरों में इससे काफी नीचे रहा।
10 साल में मौसम का ट्रेंड, भोपाल में 15 जून तक तेज गर्मी रही
राजधानी में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही ट्रेंड है। पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा। 4 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। वहीं, रात का टेम्प्रेचर 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी।
वहीं, पिछले साल 2024 में पूरे महीने 10.9 इंच पानी गिरा था। 10 साल में दूसरी बार इतनी बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में करीब 5 इंच पानी बरसा था।
इंदौर में पिछले साल हुई थी 4 इंच बारिश
जून में इंदौर में दिन के टेम्प्रेचर में खासी गिरावट होती है। पिछले 5 साल यानी- 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा है। पिछले साल 40.6 डिग्री तक पारा पहुंचा था। इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल करीब 4 इंच पानी गिरा था।
बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था। 3 जून 1991 में इंदौर में दिन का पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 12 जून 1958 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।
ग्वालियर में 47 डिग्री पार हो चुका टेम्प्रेचर
ग्वालियर में मई के बाद जून भी तेज गर्मी रहती है। 10 साल के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 2024 में पारा 45.7 डिग्री दर्ज किया गया था। इस महीने अमूमन तापमान 45 से 46 डिग्री ही रहता है।
मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून 2019 में पारा 47.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। वहीं, 1962 में पूरे महीने साढ़े 28 इंच बारिश हो गई थी। एक दिन में सर्वाधिक साढ़े 7 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 जून 1952 को बना था। साल 2024 में यहां पूरे महीने 5.7 इंच पानी गिरा था।
जबलपुर में 10 साल अच्छी बारिश
मानसून की एंट्री के साथ ही जबलपुर में अच्छी बारिश होती है। यही से मानसून की एंट्री होती है, इसलिए अन्य जिलों की तुलना में जबलपुर में अच्छा पानी गिरता है। साल 2015 से 2024 तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो कोटे की 30% तक बारिश हो चुकी है। पिछले साल साढ़े 7 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार भी जबलपुर संभाग के दक्षिण हिस्से से ही मानसून एंटर हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, जबलपुर में 1998 में एक महीने में करीब 30 इंच बारिश दर्ज की गई थी। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 16 जून 1882 में 24 घंटे में साढ़े 7 इंच बारिश हुई थी। पिछले साल भी पूरे महीने करीब 8 इंच पानी गिरा था।
उज्जैन में अच्छी बारिश का ट्रेंड
जून महीने में उज्जैन में भी अच्छी बारिश होने का ट्रेंड है। 2015 से 2024 के बीच उज्जैन में 2.5 से 8 इंच तक बारिश हो चुकी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। उज्जैन में बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1970 में पूरे महीने साढ़े 13 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 15 जून 2001 को बना था। इस दिन करीब साढ़े 6 इंच बारिश हुई थी। साल 2024 में पूरे महीने साढ़े 5 इंच पानी गिरा था।