विदिशा /अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय में 2019 बैच के 153 छात्र-छात्राओं का स्नातक समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर छात्रों के साथ उनके अभिभावक, वरिष्ठ चिकित्सक और कॉलेज स्टाफ भी उपस्थित रहे।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनीष निगम ने चिकित्सा को ईश्वरीय सेवा बताते हुए कहा कि डॉक्टरों को समाज भगवान का रूप मानता है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे नैतिक मूल्यों और समर्पण भावना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। अस्पताल
अधीक्षक डॉ. सुनील नंदेश्वर ने कहा कि चिकित्सकों को हमेशा यह मंत्र ध्यान में रखना चाहिए कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। वहीं आईएमए अध्यक्ष डॉ. राजीव जैन ने कहा कि चिकित्सा केवल धन कमाने का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा का धर्म है। चुनौतियों के लिए खुद को तैयार रखेंः एमके जैन मप्र आईएमए अध्यक्ष डॉ. एमके घ् जैन ने नव-उत्तीर्ण डॉक्टरों से कहा कि उन्हें क्षेत्र की चिकित्सा संबंधी चुनौतियों के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में योगदान की आवश्यकता भी बताई। वहीं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. हर्षदीप कौर सिन्हा ने कहा कि एक डॉक्टर की सबसे बड़ी सफलता यह है कि वह किसी की पीड़ा कम कर सके। उन्होंने नव-चिकित्सकों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और समाज व राष्ट्र सेवा में योगदान देने का आग्रह किया। डॉ. गीता सबनानी ने सभी छात्र-छात्राओं को चरक शपथ दिलाई। कार्यक्रम के अंत में मंचासीन अतिथियों ने सभी छात्रों को स्नातक प्रमाणपत्र प्रदान किए।
किराना व्यापारी की बेटी ने रचा इतिहास
कटनी जिले की रीठी तहसील के बड़गांव की डॉ. आयुषी जैन ने किराना दुकानदार के परिवार से निकलकर डॉक्टर बनने का सपना साकार किया। आयुषी के पिता संजय जैन गांव में किराना दुकान चलाते हैं और मां अनीता जैन गृहिणी हैं। तीन बच्चों में सबसे बड़ी आयुषी ने बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखा था। गांव के सामान्य स्कूल से पढ़ाई शुरू करने वाली आयुषी ने नवोदय विद्यालय में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। सीमित संसाधनों के बावजूद परिवार ने उनके सपनों को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।