चीतों का दीदार करना है, तो श्योपुर के ‘कूनो’ आइए

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चीता दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छोड़े 3 चीते, ‘वीरा’ और उसके 2 शावक खुले जंगल

चीता दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छोड़े 3 चीते, ‘वीरा’ और उसके 2 शावक खुले जंगल में

Drnewsindia.com/श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो नेशनल पार्क एक बार फिर सुर्खियों में है। चीता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विशेष कार्यक्रम में तीन चीतों को खुले जंगल में छोड़ा। इनमें प्रमुख रूप से मादा चीता “वीरा” और उसके दो शावक शामिल हैं।

इन चीतों को अब तक सुरक्षा कारणों से बाड़े में रखा गया था, लेकिन प्राकृतिक माहौल और स्वतंत्र विचरण के लिए अब इन्हें जंगल में छोड़ा गया है। इसके साथ ही कूनो में पर्यटन को लेकर नई उम्मीदें और संभावनाएँ बढ़ गई हैं।


मुख्यमंत्री ने किया चीता रिलीज कार्यक्रम का नेतृत्व

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। चीतों के पुनर्वास का यह अभियान भारत के वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है।

वे बोले कि—

  • “कूनो नेशनल पार्क ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत की है।”
  • “चित्ता संरक्षण कार्यक्रम आम लोगों में जागरूकता और पर्यटन दोनों बढ़ाएगा।”

वीरा और उसके शावकों को मिला आज़ाद आसमान

चीता “वीरा” और उसके 2 शावकों को विशेष प्रक्रिया के बाद खुले जंगल में छोड़ा गया।
इस दौरान वन विभाग की टीम, चीता प्रोजेक्ट विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इन चीतों की मूवमेंट को रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम से ट्रैक किया जाएगा।


कूनो नेशनल पार्क: पर्यटन का बढ़ता अंतरराष्ट्रीय आकर्षण

चीतों की वापसी के बाद श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क देश-विदेश के पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बन गया है।

  • अब कूनो की लोकप्रियता अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच चुकी है
  • पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है
  • जंगल सफारी, वन्यजीव फोटोग्राफी और प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है

कूनो को जल्द ही देश के प्रमुख वन्यजीव पर्यटन स्थलों में शामिल करने की तैयारी भी चल रही है।


कूनो क्यों है खास?

  • अफ्रीकी चीतों का आधिकारिक पुनर्वास स्थल
  • समृद्ध घासभूमि और घना जंगल
  • बाघ, तेंदुए, हिरण, सांभर और अनेक प्रजातियाँ
  • पर्यटन और संरक्षण का संतुलित मॉडल

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