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महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में मॉब लिंचिंग की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पतरेपाली गांव में भीड़ ने दलित समुदाय के 50 वर्षीय कौशल सहिस को केबल चोरी के शक में पकड़कर बुरी तरह पीट दिया। आरोप है कि जब लोगों को उसकी जाति का पता चला, तो दबाव और बढ़ा दिया गया। भीड़ ने उसे बार-बार पानी पिला-पिलाकर पीटा और परिजनों से 25 हजार रुपये देकर जान बचाने की मांग की। जब पैसे नहीं मिले, तो युवक की मौत हो गई।
यह वारदात 25 अक्टूबर की सुबह की है। गांव के पास रेलवे पटरी के पास धुआं उठता देख लोगों ने “चोर पकड़ा गया” चिल्लाना शुरू किया। कुछ ही मिनटों में भीड़ जमा हो गई। लाठियों से लैस लोग पहुंच गए और कौशल सहिस को बांधकर बेरहमी से पीटने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, युवक को पहले रेलवे पटरी के पास मारा गया, फिर घसीटकर गांव के महावीर चौक लाया गया, जहां दोबारा हमला हुआ।
“दलित जानकर दबाव बढ़ाया गया, मां से मांगे पैसे”
सहिस सारथी समाज के जिलाध्यक्ष तुलेंद्र सागर ने आरोप लगाया कि जब ग्रामीणों को पता चला कि कौशल दलित समुदाय से है, तो उस पर अत्याचार और बढ़ा दिया गया। भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने उसके परिजनों से फोन पर 25 हजार रुपये मांगे और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं मिले, तो उसे जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा।
कौशल की मां कचरी बाई सहिस ने बताया कि उन्हें गांव के सरपंच पति हेमंत चंद्राकर का फोन आया था। उन्होंने कहा, “मैंने उसे साफ बताया कि मेरा उससे कोई लेना-देना नहीं है। जो करना है कर लो।” इसके कुछ घंटे बाद बेटे की मौत की सूचना मिली।
सरपंच पति, भतीजा और कोटवार पर शक

पुलिस ने हत्या के शक में ग्राम सरपंच जयसुधा चंद्राकर के पति हेमंत चंद्राकर, उनके भतीजे और गांव के कोटवार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि मामले में फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सबूत जुटाए हैं। मृतक के शरीर पर चोटों, कीचड़ और घसीटने के निशान मिले हैं। पुलिस का मानना है कि युवक को बुरी तरह पीटा गया और अंदरूनी चोटों के कारण उसकी मौत हुई।
“पानी पिलाकर पीटा गया”
थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि मौके पर मिले सबूतों से साफ है कि युवक को पीटते वक्त बार-बार पानी पिलाया गया। उसके सिर के नीचे कीचड़ और शरीर पर संघर्ष के निशान थे। जांच के लिए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
गांव में तनाव, समाज ने चेताया आंदोलन से
दलित समाज में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। सहिस समाज ने कहा है कि अगर जल्द दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो महासमुंद और बागबाहरा में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
वहीं, आरोपी हेमंत चंद्राकर ने सफाई देते हुए कहा— “मैं मौके पर मौजूद नहीं था और मृतक को जानता भी नहीं हूं।”
ग्रामीण बोले— मृतक आदतन चोर था

गांव के कुछ लोगों ने दावा किया कि कौशल पहले भी चोरी में शामिल रहा है और अपने गांव मोहबा से निकाला जा चुका था। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि किसी भी स्थिति में भीड़ द्वारा न्याय नहीं किया जा सकता और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।




