विदिशा / तमाम हिदायतों के बावजूद सीमांकन के लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी नहीं आ पा रही है। समय पर प्रकरणों के निराकृत नहीं होने से विवाद की स्थिति बन रही है। नौबत मारपीट तक पहुंच रही है। सीएम हेल्पलाइन से लेकर जनसुनवाई तक में सबसे अधिक आवेदन जमीन के सीमांकन से संबंधित ही आ रहे हैं। प्रकरणों के निराकरण में देरी राजस्व निरीक्षकों व पटवारियों के स्तर पर बरती जा रही लापरवाही का नतीजा है। ज्यादातर आवेदकों को राजस्व अमले से केवल तारीख मिल रही है। जिले के सभी तहसील न्यायालयों में इस समय सीमांकन के 2006 प्रकरण लंबित हैं। इनमें 2003 प्रकरण तीन महीने के भीतर के हैं। लेकिन, करीब 500 प्रकरण ऐसे हैं जो आवेदन के बाद सीमांकन की तय 45 दिन की अधिकतम अवधि पूरी कर चुके हैं। इसके बावजूद प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पाया है। पिछले एक महीने में 541 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। ऐसे में लंबित प्रकरणों की संया में बहुत अधिक कमी की संभावना नहीं दिख रही है। क्योंकि प्रकरणों के निराकरण के साथ ही नए आवेदनों के आने का क्रम प्रकरणों के निराकरण की तुलना में अधिक है।
94 में सीमांकन के 20 आवेदन
पिछले मंगलवार को हुई जनसुनवाई में कलेक्टर को मिले 94 आवेदनों में सीमांकन के 20 आवेदन शामिल रहे। ज्यादातर आवेदनों में सीमांकन नहीं होने के चलते विवाद की स्थिति बनने की आशंका जताई गई है। खासतौर पर बोवनी से पहले सीमांकन नहीं हुआ तो बड़ी घटनाएं हो सकती हैं। 120 प्रकरण न्यायालय तहसीलदार मंडल-2 तहसील सिरोंज
126 प्रकरण न्यायालय तहसीलदार गुलाबगंज तहसील में 155 प्रकरण न्यायालय तहसीलदार वृत्त-4 अहमदपुर कस्बा 166 प्रकरण न्यायालय तहसीलदार विदिशा नगर में लंबित
204 प्रकरण न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त-2 खामखेड़ा
205 प्रकरण न्यायालय तहसीलदार वृत्त-3 तहसील विदिशा 216 प्रकरण न्यायालय तहसीलदार वृत्त-1 पीपलखेड़ा में
ये हैं उदाहरण
शमशाबाद तहसील की रमपूरा जागीर गांव निवासी गंगाबाई ने कलेक्टर के यहां आवेदन लेकर भूमि के सीमांकन की मांग की है। उनका कहना है कि सीमा विवाद में गांव के दबंग उनके साथ आए दिन मारपीट कर रहे हैं। एक वर्ष पहले आवेदन के बाद भी भूमि का सही से सीमांकन नहीं किया जा रहा है। राजस्व अमला कई बार मौके पर पहुंचा, लेकिन केवल खानापूर्ति की जा रही है। नतीजा विवाद की स्थिति बन रही है। कभी भी बड़ी घटना होने की आशंका है।
नटेरन तहसील के गजनाई गांव निवासी रशीद खान ने कलेक्टर को आवेदन देकर पटवारी द्वारा सीमांकन नहीं किए जाने की शिकायत की है। रशीद ने सीमांकन के लिए 15 अप्रेल को आवेदन किया था, लेकिन पटवारी से केवल तारीख पर तारीख मिल रही है। उनका कहना है कि सात बीघा जमीन कागज में है। मौके पर केवल चार बीघा मिली है। बाकी की जमीन दूसरों ने कब्जा कर लिया है।