Drnewsindia.com/भोपाल। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें 22 सितंबर से लागू होने जा रही हैं। अब 4 स्लैब की जगह केवल 2 स्लैब रहेंगे—5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा और बाजार में रौनक बढ़ेगी, हालांकि शुरुआती महीनों में राज्यों के राजस्व पर दबाव आ सकता है।

मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों की आय का बड़ा हिस्सा केंद्र से मिलने वाली जीएसटी हिस्सेदारी पर निर्भर है। ऐसे में नई दरों का असर प्रदेश की योजनाओं और बजट पर दिख सकता है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सटीक आकलन संभव नहीं, अक्टूबर के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि “टैक्स कम, राजस्व ज्यादा” के सिद्धांत पर आधारित यह फैसला दीर्घकाल में उत्पादन, रोजगार और खपत बढ़ाकर राजस्व में इजाफा करेगा। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस निर्णय से देश की 90 प्रतिशत आबादी को लाभ मिलेगा और एमएसएमई व कुटीर उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी।