जावर/सीहोर
नगर परिषद द्वारा वार्ड-9 में नदी किनारे पर पानी की जो टंकी रखी गई है वह 2 हजार लीटर की है। जो क्षेत्र की आवश्यकता के मान से अपर्याप्त है। इस वजह से भीषण गर्मी में लोगों की पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इस कारण वार्ड वासियों को पीने के पानी के लिए अभी भी इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
बता दें कि नगर परिषद ने जो पानी की टंकी रखी है उसे भी टैंकर से भरा जाता है। इस संबंध में जीवन मालवीय ने बताया कि वार्ड क्रमांक 8 व 9 में जल संकट से कई बार अवगत करवाने के बावजूद स्थिति में कोई दोनों वाडौँ में रहता है मजदूर वर्ग सुधार नहीं हुआ है।
नगर के वार्ड 8 और 9 में अधिकांश लोग मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। जल संकट की वजह से लोगों को पानी की व्यवस्था में घंटों लग जाते हैं। जिससे वे समय पर मजदूरी पर नहीं जा पातें। इसका सीधा असर उनके रोजगार और आय पर पड़ रहा है। लगातार इस समस्या से जूझ रहे नागरिकों को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद की इस लापरवाही और उदासीनता के चलते क्षेत्र की जनता को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। तत्काल प्रभाव से ठोस कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।
जल संकट को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वर्तमान में केवल दिन में एक बार 2000 लीटर की टंकी भरकर पानी की आपूर्ति की जाती है। जो कि क्षेत्र की आवश्यकताओं के लिए बहुत ही अपर्याप्त है। नलो में पानी नहीं आ रहा है। जिस लोगों को भारी परेशानी का साम करना पड़ रहा है। वार्ड 8 और के मध्य स्थित री-ट्यूबवेल दोबारा चालू करवाने के लिए कई बार मांग की गई है, लेनि इस दिशा में भी कोई कार्रवाई न की गई है।