भोपाल (मध्यप्रदेश)
न्यायिक व गैर-न्यायिक कार्य विभाजन के विरोध में 6 अगस्त से कार्यवाही बंद कर विरोध प्रदर्शन कर रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदार मंगलवार से वापस कार्यस्थल पर लौट आए हैं। इस दौरान करीब 6,000 से अधिक राजस्व संबंधित मामले पेंडिंग हो गए थे, जिन्हें अब प्राथमिकता से निपटाने की चुनौती सामने है
कब और क्यों शुरू हुआ विरोध?
- 6 अगस्त से तहसीलदारों ने न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों के बंटवारे के विरोध में राजस्व कार्यों की जिम्मेदारी से किनारा कर दिया था। वे केवल आपदा प्रबंधन कार्यों को ही करने को तैयार थे
- इस दौरान वाहन लौटाने, डिजिटल सिग्नेचर डोंगल जमा करने, वॉट्सएप ग्रुप छोड़ने जैसे कड़े कदम उठाए गए। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका यह विरोध न तो हड़ताल है और न अवकाश — बल्कि न्यायिक विभाजन नीति के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोध है
- हड़ताल के चलते भोपाल में प्रतिदिन लगभग 500 नए मामले दर्ज हो रहे थे, और दो दिन में ही 600 से अधिक केस आगे बढ़े, जिससे पेंडिंग रकम 6,000 तक पहुंच गई
विरोध के दौरान प्रशासन की प्रतिक्रिया
- राजस्व विभाग ने संभागायुक्तों को निर्देश जारी किए कि ड्यूटी से अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए
- विरोध के छह दिनों में भोपाल में लगभग 3,000 केस और पूरे प्रदेश में 95,000 से अधिक राजस्व मामले लंबित हो गए थे
वापस काम पर लौटने की प्रक्रिया
- तहसीलदार नायब तहसीलदार काम पर लौटे
- भोपाल पेंडिंग केस 6 हजार
- न्यायिक गैर न्यायिक विभाजन विरोध
- मध्यप्रदेश राजस्व विभाग अपडेट
- तहसील कर्मचारी विरोध वापस लौटे