सीहोर / दुर्घटना में दिव्यांग हुआ इंदिरा नगर में रहने वाला बेरोजगार कुलदीप मंगलवार को तेज धूप में गर्म सड़क पर घिसटाते हुए जनसुनवाई में रोजगार मांगने के लिए पहुंचा। सामाजिक न्याय दिव्यांग कल्याण विभाग सहित अनेक सरकारी दफतरों और बैंकों में स्वरोजगार ऋण के लिए आवेदन कर चुघ्के कुलदीप को निराशा ही हाथ लगी। यही नहीं मुख्यमत्री जन कल्याण संबल योजना का लाभ भी उसे नहीं दिया गया। सामाजिक न्याय दिव्यांग कल्याण विभाग ने दो साल पहले तीपहिया साइकिल देने के बाद कुलदीप की सुध नही ली। हालात एैसे है कि अब दिव्यांग कुलदीप के पास साइकिल भी नहीं बची है जिस से वह चलने से भी मौहताज हो गया।
जैसे तैसे कलेक्ट्रेट पहुंचे कुलदीप पुत्र भगवान सिंह लोधी ने कहा की 2019 में अपने ही घर की छत से गिर गया और दोनो पेरों से विकलांग हो गया। जिस के बाद मेरी पत्नि रचना भी बच्चे को लेकर मुझे छोड़कर मायके चली गई। मेरी माता केशर बाई की सदमें के कारण 2016 में मृत्यु हो गई। मानसिक तनाव के कारण मेंने आत्माहत्या की कोशिश भी की पर घर वालो ने बचा लिया। गरीबी और कोरोना के कारण मेरा ईलाज नही हो पाया। अब में दोनो पैरो से चल नही पाता हूँ। बीते 5 वर्ष से घर पर ही रहता और बेरोजगार हुँ। मुझे लगा की जब में तेज धूम में तपते हुए सड़क पर घिसटाते हुए जनसुनवाई में जाउंगा तो भगवान द्धारकाधीश की तरह जिलाधीश मेरी फरियाद जल्दी सुनेंगें।