डीआर न्यूज इंडिया डाॅट काॅम/भोपाल | 24 जुलाई
मध्यप्रदेश में सक्रिय मानसूनी सिस्टम के चलते बारिश का कहर लगातार जारी है। कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शिवपुरी, अशोकनगर और विदिशा से आईं घटनाएं हालात की गंभीरता बयां कर रही हैं।
शिवपुरी: पदयात्रा के दौरान बहा परिवार, महिला की मौत
शिवपुरी के पिछोर थाना क्षेत्र के काली पहाड़ी गांव से रतनगढ़ वाली माता मंदिर की पैदल यात्रा पर निकले एक परिवार के 15 लोग उफनते नाले में फंस गए।
तीन लोग बह गए, जिनमें एक महिला की मौत हो गई।
दो बच्चियों को परिजनों ने बचा लिया।
अशोकनगर: 4 घंटे बारिश से बाढ़ जैसे हालात
मुंगावली में सुबह 5 से 9:30 बजे तक हुई मूसलधार बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया।
- खड़िया नाला उफान पर आ गया
- कई घरों में 3-4 फीट पानी भर गया
- बहादुरपुर रोड के घर डूबे
- बीना मार्ग पर पुलिया जलमग्न होने से रास्ता बंद
विदिशा: गर्भवती महिला को रस्सी से निकाला
विदिशा के ग्यारसपुर के पास मनोरा पुलिया पर पानी का बहाव तेज था।
एक गर्भवती महिला फंस गई, जिसे पुलिस और होमगार्ड जवानों ने रस्सी के सहारे सुरक्षित पार कराया।
सिरोंज में एक कार भी पुलिया से बह गई, जिसे ग्रामीणों ने ट्रैक्टर से निकाला।
कहाँ-कहाँ गिरा पानी?
पिछले 24 घंटों में तेज बारिश इन जिलों में दर्ज की गई:
- पचमढ़ी – 3.4 इंच,
- छिंदवाड़ा – 2.6 इंच,
- गुना – 2.3 इंच,
- बालाघाट – 2.1 इंच,
- ग्वालियर – 1.5 इंच
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, दमोह, सीधी, रायसेन और शिवपुरी में भी बारिश जारी है।
4 दिन और रहेगा खतरा
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार,
“प्रदेश में मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सिस्टम एक्टिव हैं।
अगले 4 दिन भारी से अति भारी बारिश की संभावना है।”
अब तक 7 इंच ज्यादा पानी गिरा
- मध्यप्रदेश में औसतन 21.1 इंच बारिश हो चुकी है
- अब तक सिर्फ 14.1 इंच होनी थी
- यानी 53% अधिक बारिश
- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में कोटा पूरा
- इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे
- इंदौर में भी बारिश की कमी
- इंदौर जिले में इस सीजन में केवल 199 mm बारिश हुई है, जबकि सामान्य मात्रा 309.8 mm होती है—36% की भारी कमी। पिछले 24 घंटों में मात्र 0.1 mm बारिश दर्ज की गई
- मौसम विभाग की भविष्यवाणी है कि 26–27 जुलाई को बारिश का एक मजबूत सिस्टम सक्रिय हो सकता है, जिससे मालवा क्षेत्र की स्थिति सुधर सकती है
बारिश जहां राहत ला रही है, वहीं कुछ जगहों पर जानलेवा साबित हो रही है। प्रशासन और राहत टीमें अलर्ट पर हैं, लेकिन नागरिकों को सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है।