देव स्थल पूरे दिन विद्वानों की ओर से किए जा रहे मंत्रोच्चारण से गूंज रहा

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सिरोंज / क्षेत्र के देवपुर धाम में आयोजित 121 कुंडीय श्री विद्या महालक्ष्मी महायज्ञ में आहुतियां देने और परिक्रमा के लिए बड़ी संया में श्रद्धालु पहुंचे। देव स्थल पूरे दिन विद्वानों की ओर से किए जा रहे मंत्रोच्चारण गूंजता रहा। परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं की ओर से महालक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं के जयकारे लगाए गए। कार्यक्रम स्थल में पिछले चार दिनों से क्षेत्र में श्रद्धा का केंद्र बिंदु बना हुआ है।
सिरोंज. क्षत्रिय दांगी समाज की ओर से महायज्ञ के साथ श्रीमद् भागवत कथा व रामलीला का आयोजन किया गया। कथा सुनने, महायज्ञ में आहुतियां देने और रामलीला को देखने सहित अन्य धार्मिक अन में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। महायज्ञ में हवन-पूजन के साथ परिक्रमा करने के अलावा श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने चैथे दिन भी सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे।
कथा के चैथे दिन वृंदावन से आए कथा व्यास मनोहर महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के साथ कथा व्यास ने उनकी लीलाओं का वर्णन किया। जिसे सुनकर सभी श्रोता भक्ति में लीन हो गए।
मनोहर महाराज ने श्रीकृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं। उसके बाद भी वह अपने माता-पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे। इसी प्रकार श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से भागवत व्यास प्रेम नारायण ने पहले धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी। तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया। ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भक्ति भाव में तल्लीन हो गए। गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया। प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से भी सीख लेने के लिए प्रेरित किया।

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