लटेरी / इधर, लटेरी के बलरामपुर में क्लीनिक संचालित करने वाले अयोग्य डॉक्टर दीपक धाकड़ की क्लीनिक को सील कर दिया गया है। साथ ही उस पर मुकदमा कायम किया गया है। एसडीओपी अजय मिश्रा के मुताबिक शिकायत मिलने पर बीएमओ से जांच कराई गई और उनके प्रतिवेदन पर क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई की गई। अब एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। दीपक धाकड़ पर शरीर में पीड़ा के इलाज के लिए पहुंची महिला प्रार्थना शर्मा को गलत इंजेक्शन लगाए जाने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थना के परिजनों ने लिखित शिकायत की है कि इंजेक्शन लगाए जाने के बाद महिला पांच घंटे तक बेहोश रही। परेशान परिजन बेहोशी की अवस्था में दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां होश आने के बाद अब वह स्वस्थ है। महिला को एक मई को दीपक धाकड़ की क्लीनिक में भर्ती कराया गया था।
संभव है कि क्लीनिक फिर से खोल लिए गए हों। शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। सभी बीएमओ को भी जांच के निर्देश दिए गए हैं। एक महीने के अवकाश से लौटा हूं। स्वयं भी जांच करने जाऊंगा।
डॉ. योगेश तिवारी सीएमएचओ
शहर से लेकर गांव तक सक्रिय हैं झोलाछाप
विदिशा/स्वास्थ्य विभाग की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की महज खानापूर्ति की गई है। शहर से लेकर गांव तक अयोग्य डॉक्टरों की ओर से धड़ल्ले से अवैध तरीके से क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं। मरीजों के इलाज में हो रहे खिलवाड़ की सामने आ रही वारदातें कुछ ऐसा ही बयां कर रही हैं। पहले सिरोंज में अब लटेरी में लापरवाही का मामला सामने आया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि उनकी ओर से करीब 250 अयोग्य डॉक्टरों की क्लीनिकों को सील कराया गया है। अभियान चलाकर छह महीने तक चली कार्रवाई के बाद चिकित्सा अधिकारियों की ओर से किए गए दावे लगातार हो रही घटनाओं के बीच खोखले साबित हो रहे हैं। जिला मुयालय में ही धड़ल्ले से संचालित क्लीनिक कार्रवाई में खानापूर्ति को बयां कर रही हैं।
सिरोंज में हो चुकी है प्रसूता की मौत: सिरोंज के छतरी नाका चौराहे पर संचालित एक निजी अस्पताल में 15 मार्च को प्रसव के लिए कल्पना कुशवाहा को उनके पति प्रकाश चंद पटेल ने भर्ती कराया। इलाज में लापरवाही के चलते शिशु की गर्भ में ही मौत हो गई। बाद में प्रसूता की तबीयत बिगड़ी तो उसे भोपाल रेफर कर दिया गया। दो दिन बाद प्रसूता की भी मौत हो गई।
जिला मुयालय में ही अवैध क्लीनिक
विदिशा शहर में ही अवैध तरीके से क्लीनिक का संचालन हो रहा है। जतरापुरा में झोलाछाप डॉक्टर न केवल मरीजों को चिकित्सीय परामर्श के साथ दवाएं दे रहा है। बल्कि मरीजों को इलाज के लिए भर्ती भी कर रहा है। दीवार की खूंटी में ग्लूकोज की बोतल टांग कर ड्रिप चढ़ाया जा रहा है। ऐसा ही हाल रामलीला बाजार में भी देखने को मिलता है।