DR NEWS INDIA /NEPAL
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ चल रहा जनआंदोलन तीसरे दिन और हिंसक हो गया। हालात बेकाबू होते देख मंगलवार रात 10 बजे से देश का पूरा नियंत्रण सेना ने अपने हाथों में ले लिया। इसके बावजूद कई इलाकों में आगजनी, लूटपाट और तोड़फोड़ जारी रही। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं।
सबसे बड़ा नुकसान सुप्रीम कोर्ट में हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। इस आगजनी में करीब 25 हजार केस फाइलें जलकर खाक हो गईं। सेना ने कार्रवाई करते हुए अब तक 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 33.7 लाख रुपए नकद, 23 बंदूकें और 31 तरह के हथियार जब्त किए गए हैं।
नेताओं के घरों पर हमले, मौतें और हिंसा
आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के घर समेत तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों – शेर बहादुर देउबा, झालानाथ खनाल और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के घरों को आग के हवाले कर दिया।
- पूर्व पीएम झालानाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार आग में बुरी तरह झुलस गईं और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
- पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी विदेश मंत्री आरजू राणा को भीड़ ने घर में घुसकर पीटा।
- अब तक हुई हिंसा में 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हैं।

सिंह दरबार और राष्ट्रपति भवन भी निशाने पर
प्रदर्शनकारियों ने 1700 कमरों वाले सिंह दरबार (PM ऑफिस और मंत्रालयों का कॉम्प्लेक्स) को आग लगा दी, जहां से नेपाल सरकार की प्रशासनिक गतिविधियां संचालित होती थीं। इसके अलावा राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निवास ‘शीतल भवन’ में भी आगजनी हुई।
सेना ने PM ओली को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
हालात बिगड़ते देख सेना ने प्रधानमंत्री ओली को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है। हालांकि, उन्हें कहां ले जाया गया है, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।
👉 नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और सवाल उठ रहा है कि क्या सेना की सख्ती के बावजूद यह आंदोलन थमेगा या और उग्र होगा।