जम्मू-कश्मीर पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गमगीन है। इस हमले ने कर्नाटक के दो परिवार की खुशियां छीन ली। इस हमले में मारे गए 26 लोगों में बंगलुरू के भरत भूषण और शिवमोग्गा के मंजूनाथ राव का नाम शामिल है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई है। पूरा देश इस हमले से गमगीन है। इस हमले ने कर्नाटक के दो परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया है। मारे गए 26 लोगों में बंगलुरू के भरत भूषण और शिवमोग्गा के मंजूनाथ राव भी शामिल हैं। भरत भूषण अपनी पत्नी सुजाता और तीन साल के बेटे के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम पहुंचे थे। वहीं पहली बार कश्मीर घूमने गए मंजूनाथ की ये यात्रा आखिरी यात्रा बन गई।
पत्नी और तीन साल बेटे के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम गए बंगलुरू के रहने वाले भरत भूषण की आतंकी हमले में मौत हो गई। पूरा परिवार उनका दुख में है। भरत की पत्नी सुजाता की मां ने बताया कि मेरी बेटी ने फोन कर बताया कि वह सेना के कैंप में सुरक्षित है। सुजाता ने फोन पर बताया कि गोलीबारी उसके सामने हुई थी। पति की मौत के बाद उसने अपने पति का पहचान पत्र उठाया और बेटे के साथ वहां से भाग गई।
शिवमोग्गा के रहने वाले मंजूनाथ राव भी अपनी पत्नी और बेटे के साथ कश्मीर की पहली यात्रा पर गए थे। उनकी बहन रूपा ने बताया कि वह अपने पैतृक घर तीर्थहल्ली में थीं, जब उन्हें भाई की मौत की खबर मिली। रूपा ने बताया कि भाई ने कुछ दिन पहले बताया था कि वे 24 अप्रैल को लौटने वाले हैं। आखिरी बात करीब एक हफ्ते पहले हुई थी। हमें उनके निधन की खबर एक दोस्त से नहीं, बल्कि न्यूज चैनलों से मिली। साथ ही मंजूनाथ के बहनोई अश्विन ने उन्हें याद करते हुए कहा कि वे बहुत मददगार और दयालु इंसान थे। हर किसी की मदद के लिए आगे रहते थे। उनके जाने का यकीन ही नहीं हो रहा।
शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा कि हमारे मंत्री पहले से वहां मौजूद हैं और शवों को घर लाने में मदद कर रहे हैं। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि सभी लोग सुरक्षित घर लौटें। उन्होंने कहा कि यह हमला न सिर्फ कश्मीर, बल्कि पूरे देश के लिए दर्दनाक है। कई परिवारों की छुट्टियां मातम में बदल गईं। कर्नाटक के इन परिवारों के साथ पूरा देश शोक में शामिल है। साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 22 अप्रैल को श्रम मंत्री संतोष लाड को पहलगाम भेजा ताकि कन्नड़ नागरिकों की सुरक्षित वापसी का समन्वय किया जा सके।