प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मंगलवार यानी एक जुलाई से श्हमारे शिक्षकश् एप से शुरू हुई ई-अटेंडेंस व्यवस्था जिले में पहले पहले ही दिन लगभग ठप हो गई। अधूरी व्यवस्थाओं के साथ शुरू हुई इस व्यवस्था में कई प्रकार की खामियों के चलते खासे प्रयास के – बावजूद अधिकांश शिक्षक एप के – माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवा पाए। ऐसे में पहले दिन जिले के अधिकांश स्कूलों में पहले की तरह या तो रजिस्टर में – ही शिक्षकों ने अपनी हाजिरी लगाई – या फिर किसी भी तरह से उपस्थिति नहीं लगाकर अनौपचारिक रूप से अपना विरोध दर्ज करवाया। इधर इस नए – एप से कितने शिक्षकों ने अपनी हाजिरी लगाई और उसमें उन्हें क्या परेशानी हुई इसकी मॉनिटरिंग भी शिक्षा विभाग द्वारा नहीं की जा सकी। ऐसे में पहले से इस नई व्यवस्था का विरोध कर रहे शिक्षकों संगठनों के पदाधिकारियों की इस व्यवस्था को बंद करने या सभी सरकारी विभागों में भी ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू करने की मांग को और बल मिल गया।
सरकारी शालाओं में खासकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की नियमित और समय पर उपस्थिति को लेकर शिक्षा विभाग ने इस साल एजुकेशन पोर्टल 3.0 के साथ ही ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू की है। जिले में सभी वर्ग के मिलाकर कुल 7702 शिक्षक हैं। जिन्हें एक जुलाई से ई-अटेंडेंस लगाने के लिए पहले से ही विभाग द्वारा तैयार किए गए हमारे शिक्षक एप को अपने मोबाइल फोन पर लोड करने के निर्देश दे दिए गए थे। लेकिन इसके बावजूद अधिकांश शिक्षकों ने अब तक यह एप डाउनलोड नहीं किया है। वहीं जिन शिक्षकों ने इस एप से उपस्थिति लगाने का प्रयास किया वह भी पहले दिन विभिन्न तकनीकी समस्याओं के चलते इस एप पर उपस्थिति नहीं लगा सके।
कन्या शाला विद्यालय में आधे स्टाफ ने एप लोड नहीं किया, बाकी को भी हाजिरी में परेशानी आई।
शिक्षकों ने समय से पहले ही छोड़ दिया स्कूल
मंगलवार को भास्कर की पड़ताल में राघौखेड़ी के शिक्षक दुर्गा बेरागी, पाडलियाखेड़ी माध्यमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक शिवनारायण सुतार, बीमाखेड़ी स्कूल की शिक्षिका मनीषा तोमर, प्राथमिक विद्यालय पाका के प्रधानाध्यापक मांगीलाल चैहान, लिम्बोदा हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक रवि कुमार शर्मा, रत्ना नामदेव और विष्णु कुशवाहा ने बताया कि वे समय पर स्कूल पह ुंचे थे, लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण अटेंडेंस नहीं लगा सके। पाडलियाखेड़ी हाई स्कूल के प्रचार्य मुकेश कुमार नागर ने बताया कि उन्होंने सुबह और शाम दोनों समय अटेंडेंस दर्ज की। पड़ताल में यह भी सामने आया कि कुछ शिक्षक समय से पहले ही स्कूल छोड़कर चले गए।
परेशान होते रहे शिक्षक
ई-अटेंडेंस की व्यवस्था जानने के लिए पहले दिन डीआर न्यूज की टीम ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ स्कूलों का भ्रमण किया। जिसमें सामने आया कि अव्वल तो कई शिक्षकों ने यह एप ही लोड नहीं किया है, वहीं जिन्होंने एप लोड किया उनमें से अधिकांश शिक्षक स्कूल जाते समय ई-अटेंडेंस के लिए परेशान होते रहे। राजगढ़ के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के शिक्षक तो हाजिरी लगाने के लिए स्कूल के आसपास गांव की किसी ऊंची जगह पर गए, लेकिन नेटवर्क नहीं मिला।
माॅनिटरिंग की सुविधा नहीं
एक जुलाई से जिले के सभी स्कूलों में इ में ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू हो गई है। फिलहाल हमारे पोर्टल से इसकी मॉनिटरिंग नहीं की जा सकी। पहले दिन कितने शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस की इसकी जानकारी नहीं मिली है। पोर्टल के अपडेशन का काम चल रहा है। शीघ्र ही सभी तकनीकी खामियां दूर होंगी। इसकी व्यवस्थित मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
- करण सिंह भिलाला, जिला शिक्षा अधिकारी