बिलकिसगंज / जिले के कई गांव में लोग अभी भी भीषण पेयजल संकट स जूझ रहे हैं। बुधवार को बिलकिसगंज में महिला और पुरुषों ने पानी की टंकी पर चढकर विरोध प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन का ध्यान केन्द्रित करने के लिए खाली बर्तन और थालियां बजाईं। पेयजल संकट को दूर करने के लिए जोरदार नारेबाजी की गई।
जिले के ग्राम बिलकिसगंज, कुलांसकलां एवं लहसुड़िया खास में पेयजल संकट को दूर करने के लिए चार नलकूप खनन होना है। नलकूप खनन की स्वीकृति पीएचई मंत्री की तरफ से दी गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचई के अफसर मंत्री के आदेश होने के बाद भी गांव में नलकूप खनन नहीं करा रहे हैं। गांव में पेयजल संकट है, इसे लेकर मजबूर बिलकिसगंज के महिला, पुरुष बुधवार को पानी की टंकी पर चढ़ गए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और खाली बर्तन, कुप्पे, थालियां बजाई। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि गांव में पानी की टंकी तो बनी है, लेकिन अभी नल जल योजना चालू नहीं हुई है। नलजल योजना के बोर में पानी नहीं है। भू-जल स्तर नीचे जाने से गांवों के ज्यादातर हैंडपंप भी सूख गए हैं। गांव से दो-दो, तीन-तीन किलोमीटर दूर जाकर पानी ला रहे हैं। बूंद बूंद पानी के लिए दिनभर भटकने को मजबूर हैं। गर्मी के सीजन में बिलकिसगंज पंचायत की आबादी करीब नौ हजार, कुलांसकला में तीन हजार और लसूडियाखास में दो हजार की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। विरोध प्रदर्शन में नीरज राठौर, अभिषेक जांगड़े, संदीप, कमल जांगड़े, संतोष राठौड़, गब्बर, सुरेश, विजय महेश्वरी, कैलाश धनगर, मुकेश मालवीय, गंगाबाई, सुनीता बाई, सुशीला, ममता, शांताबाई, किरण, सुगन, शर्मिला, रेखा बाई आदि शामिल थे।