आष्टा / राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने बुधवार को आष्टा तहसील कार्यालय पहुंच तहसीलदार पंकज पवैया को ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों की जो समस्या है उसे दूर कर मांगों को जल्द पूरा करने की बात कही। ऐसा नहीं होने पर बड़ा कदम उठाने की चेतावनी दी है। ज्ञापन में बताया कि पिछले साल कीट प्रकोप, अतिवृष्टि से सोयाबीन, उड़द, मूंग के अलावा अन्य फसल खराब हुई थी। जिसका सर्वे कर आज तक राहत राशि मिली है न ही बीमा राशि मिली है। जबकि किसान लगातार राहत राशि, बीमा राशि मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं। कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 34 के अनुसार किसी भी मंडी में उपज के समर्थन मूल्य से नीचे क्रय, विक्रय नहीं किया जाए। इसे अधिनियम में दंडनीय अपराध माना गया है। इसलिए इसका शक्ति से पालन कराया जाए। गेहूं की फ सल का भाव 3 हजार व सोयाबीन का भाव निर्धारित किया जाए।
खराब हुई है प्याज
ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में रबी सीजन में असमय हुई बारिश से पिछले महीने किसानों के खेत में खड़ी और कटी पड़ी प्याज खराब हुई है। लहसुन भी प्रभावित हुई है। सर्वे कर इसकी भी राहत व बीमा राशि मिले। भूमि अधिग्रहण कानून कृषि व किसान विरोधी होने से इसे तत्काल समाप्त किया जाए। वही भूमि अधिग्रहण कानून को प्रभावी बनाने अधिग्रहित भूमि का बाजार भाव से 10 गुना मुआवजा देकर संबंधित किसान परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार नौकरी मिले। ज्ञापन में बताया कि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो उच्च कदम उठाया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश मंत्री बाबूलाल पाटीदार, प्रांतीय उपाध्यक्ष विक्रमसिंह पटेल, जिला मंत्री धरमसिंह भैसानिया, देवकरण मेवाड़ा, कचरू परमार सहित अन्य उपस्थित थे।