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ग्रामीण प्रतिभाओं के भविष्य निर्माता ‘नवोदय’ में वार्षिक एलुमनी मीट, सफलता की कहानियों ने वर्तमान पीढ़ी को किया प्रेरित
भोपाल रोड, 6 दिसंबर, 2025: भोपाल रोड स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) का प्रांगण 6 दिसंबर को एक अनूठे उत्साह, पुरानी यादों की गर्माहट और सफलता की नई प्रेरणा से गूंज उठा। यह अवसर था विद्यालय के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक— वार्षिक पूर्व छात्र सम्मेलन (Annual Alumni Meet)— का, जिसमें देश के कोने-कोने में विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत 50 से अधिक पूर्व छात्र-छात्राएं अपनी मातृ संस्था के प्रति आभार व्यक्त करने और वर्तमान विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने के लिए एकत्रित हुए।

यह सम्मेलन केवल एक औपचारिक मिलन नहीं था, बल्कि यह उस मजबूत सांस्कृतिक और शैक्षिक विरासत का प्रमाण था जिसे नवोदय विद्यालय समिति (NVS) ने देश की ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए स्थापित किया है।
कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ और संचालन
कार्यक्रम की गरिमा और महत्व को बढ़ाते हुए, सम्मेलन की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. एस. बघेल और उप प्राचार्य रीता खत्री ने की। अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. बघेल ने पूर्व छात्रों का हृदय से स्वागत किया और इस बात पर जोर दिया कि यह वार्षिक समागम नवोदय परिवार की अटूट कड़ी को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “यह सम्मेलन सिर्फ एक परंपरा नहीं है, यह हमारे वर्तमान छात्रों के लिए एक खुली किताब है, जिसमें उनके सीनियर्स की सफलता की गाथाएँ दर्ज हैं। हमें गर्व है कि हमारे विद्यार्थी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।”
कार्यक्रम के मंच संचालन की जिम्मेदारी पूर्व छात्र एवं प्रतिष्ठित आर्किटेक्ट आनंद परमार ने बखूबी निभाई। आनंद परमार ने अपनी वाकपटुता और पुरानी कहानियों के माध्यम से पूरे माहौल को जीवंत बनाए रखा।
सांस्कृतिक संध्या और संगीत की मधुरता
सम्मेलन की शुरुआत से पहले, विद्यालय के वर्तमान छात्रों द्वारा एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इन प्रस्तुतियों को तैयार करने और उन्हें भव्य रूप देने में संगीत शिक्षक श्याम सुंदर भट्ट का विशेष योगदान रहा। संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों को नवोदय के सुनहरे दिनों की याद दिलाई, जब वे खुद इन मंचों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते थे। पूर्व छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से वर्तमान छात्रों का उत्साह बढ़ाया, जो उनके लिए एक अनमोल प्रोत्साहन था।
अनुभव साझा करने का मंच: सफलता की प्रतिध्वनि
सम्मेलन का केंद्रीय विषय था— “अनुभवों का आदान-प्रदान और प्रेरणा का संचार”। विभिन्न क्षेत्रों, जैसे पुलिस प्रशासन, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कला, और शिक्षा में कार्यरत पूर्व छात्रों ने एक-एक कर मंच संभाला और अपने संघर्षों, सफलताओं और नवोदय विद्यालय के योगदान को विस्तार से साझा किया।
सबसे भावुक और प्रेरक वक्ताओं में से एक, सब इंस्पेक्टर संजू मेवाड़ा (पूर्व छात्र), ने अपने संबोधन में नवोदय विद्यालय के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने दृढ़ता से कहा:
“नवोदय विद्यालय ने मेरी जिंदगी की दिशा और दशा बदल दी। अगर यह संस्था न होती, तो ग्रामीण परिवेश से आने वाले मुझ जैसे न जाने कितने ही बच्चे शिक्षा के अभाव में अपनी प्रतिभा खो देते। नवोदय ने हमें केवल किताबें नहीं पढ़ाई, इसने हमें आत्मविश्वास और सपने देखने की हिम्मत दी। आज मैं जो कुछ भी हूँ, अपने शिक्षकों और इस मिट्टी की बदौलत हूँ।”
एक डॉक्टर की यादें: कभी न भूलने वाला हॉस्टल जीवन
डॉ. कलाम खान ने, जो वर्तमान में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्यरत हैं, अपनी स्कूल की यादों को साझा करते हुए बताया कि कैसे नवोदय ने उन्हें जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पाठ सिखाए।
“स्कूल की यादें, खासकर हॉस्टल जीवन की, कभी भुलाई नहीं जा सकतीं। वह साझा किया गया कमरा, देर रात की पढ़ाई, मेस में दोस्तों के साथ भोजन, खेल का मैदान… हर एक कोना यादों से भरा है। हमारे शिक्षकों ने हमें सिर्फ विषयों में पारंगत नहीं किया, बल्कि हमें समय का प्रबंधन करना, सहयोग करना और अनुशासन में रहना सिखाया। ये वे कौशल हैं जो हमें किसी भी मेडिकल कॉलेज या अस्पताल में सफल होने के लिए ज़रूरी थे।”
डॉ. खान ने यह भी बताया कि नवोदय का आवासीय पैटर्न कैसे छात्रों को विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों के लोगों के साथ रहने का अनुभव देता है, जिससे वे भविष्य में एक बेहतर नागरिक बनते हैं।
आर्किटेक्ट की दृष्टि: नवोदय का सर्वांगीण विकास मॉडल
कार्यक्रम का संचालन कर रहे आर्किटेक्ट आनंद परमार ने अपने समापन भाषण में नवोदय के सर्वांगीण विकास (All-round Development) मॉडल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा:
“हम एक ऐसी संस्था से पढ़कर निकले हैं, जिसका दर्शन केवल अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है। नवोदय ने हमें कला, खेल और संस्कृति में भी उतना ही प्रोत्साहन दिया। एक आर्किटेक्ट के रूप में, मैं कह सकता हूँ कि नवोदय ने हमारी रचनात्मक सोच को आकार दिया। यह विद्यालय ग्रामीण प्रतिभा को तराशने और उसके सर्वांगीण विकास करने के लिए एकमात्र और सर्वोत्तम संस्था है।”
सपरिवार आगमन और अतीत की पुनरावृत्ति
इस वर्ष के सम्मेलन की एक विशेष बात यह थी कि 50 से अधिक पूर्व छात्रों में से कुछ अपने पूरे परिवार के साथ इस आयोजन में शामिल हुए। अपने बच्चों को अपनी पुरानी क्लासरूम, हॉस्टल के कमरों और खेल के मैदान को दिखाते हुए, उन्होंने अपनी खोई हुई और भूली बिसरी यादों को ताजगी प्रदान की। कई पूर्व छात्र अपनी पुरानी क्लास की बेंच पर बैठे, हॉस्टल के गलियारों में चहलकदमी की और अपने बीते हुए दिनों को याद करते हुए भावुक हो उठे।
दीपक यदुवंशी, सुनैना, और विजय कीर्तिराज सिंह जैसे कई पूर्व छात्रों ने मंच से अपने बचपन के किस्से सुनाए, जिससे पूरे सभागार में हंसी और हल्के फुल्के पलों का माहौल बन गया। बचपन की यादें साझा करते हुए उनकी आँखें नम हो गईं, जो यह दर्शाता है कि नवोदय ने उनके जीवन पर कितनी गहरी छाप छोड़ी है।
शिक्षकों केप्रति सम्मान और भावी पीढ़ी को संदेश
उप प्राचार्य रीता खत्री ने अपने संबोधन में पूर्व छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया और वर्तमान छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने सीनियर्स को अपना आदर्श मानें।
पूर्व छात्रों ने एक स्वर में वर्तमान विद्यार्थियों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया: “यहां के शिक्षकों का सम्मान करिए और संस्था द्वारा दिए गए हर अवसर का लाभ उठाइए। ऐसी संस्था आपको और आपकी प्रतिभा को निखारने के लिए कहीं नहीं मिलेगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि नवोदय विद्यालय ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चों को वह प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है जो अन्यथा उनके लिए दुर्गम होता।
समापन और भविष्य की उम्मीदें
कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक रात्रिभोज के साथ हुआ, जहाँ पूर्व छात्रों ने शिक्षकों और वर्तमान छात्रों के साथ अनौपचारिक बातचीत की। इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा, जिसने इस भावनात्मक और प्रेरणादायक मिलन को सफल बनाने में अथक प्रयास किया।
यह वार्षिक सम्मेलन न केवल पुरानी यादों को ताजा करने का माध्यम बना, बल्कि इसने वर्तमान नवोदय विद्यार्थियों के मन में बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का दृढ़ संकल्प भी जगाया। नवोदय विद्यालय, अपनी स्थापना के उद्देश्यों के प्रति अडिग रहते हुए, देश की ग्रामीण प्रतिभाओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़कर एक उज्जवल भविष्य का निर्माण लगातार कर रहा है।




