पेढ़ी चैक से निकली भव्य शोभायात्रा, बाल विहार में हुई धर्मसभा

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धूमधाम से मनी परशुराम जयंतीरू शोभायात्रा, रक्तदान और धर्मसभा में उमड़ा ब्राह्मण समाज का जनसैलाब


विदिषा
अक्षय तृतीया के मौके पर बुधवार को भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। ब्राह्मण महापंचायत द्वारा परशुराम जयंती पर पेढ़ी चैक से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह बाल विहार में धर्मसभा में तब्दील हो गई। धर्मसभा में वक्ताओं ने भगवान परशुराम के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। इससे पहले पेढ़ी चैक से निकाली गई शोभायात्रा में कलाकारों के कई दल शामिल थे। वे भजन-कीर्तन करते हुए चल रहे थे। इस शोभायात्रा में एक रथ में विराजमान 8 फीट ऊंची भगवान परशुराम की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रही। एक अन्य रथ पर शहर के प्रमुख संतों को विराजमान किया गया था। इसके अलावा जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचकर जरूरतमंदों के लिए रक्तदान किया गया। इससे पहले ब्राह्मण समाज के लोगों ने सुबह ब्रह्म भवन पहुंचकर भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना की। दोपहर में रक्तदान किया। शाम को चल समारोह निकाला गया। चल समारोह में पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा, नपाध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश शर्मा, पूर्व कहिग्रेस जिलाध्यक्ष कमल सिलाकारी, सीसीबी के पूर्व चेयरमैन पं. श्यामसुंदर शर्मा, संतोष शर्मा, पं. रविकांत शर्मा बाला, समाजसेवी डॉ. गौरव शर्मा, अवधेश दुबे बड़े भैया, संजय दांतरे सहित बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग मौजूद थे।
ब्रह्म भवन पहुंचकर की भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना


परशुराम जयंती के मौके पर शहर में निकला भव्य चल समारोह।जरूरतमंदों को दिया जाएगा रक्तः शर्माः परशुराम जयंती के अवसर पर युवा ब्राह्मण विकास परिषद ने जिला चिकित्सालय में रक्तदान शिविर रखा। शिविर में लोगों ने उत्साह से रक्तदान किया। कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी दी गई। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि और युवा ब्राह्मण विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि रक्तदान महादान है। यह केवल दान नहीं, बल्कि जीवन बचाने का संकल्प है। एकत्रित किया गया रक्त गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में सेवा और एकता का संदेश जाता है।
मंत्रोच्चार करते चल रहे थे ब्राह्मण
शोभायात्रा के दौरान ब्राह्मण मंत्रोच्चार कर रहे थे। सबसे आगे रथ पर भगवान परशुराम की प्रतिमा थी। उसके पीछे रथ पर भगवान के भेष में भगवान के प्रतिरूप विराजमान होकर चल रहे थे। पीछे गौ सेवा की झांकी चल रही थी। इसके पीछे समाजजन चल रहे थे। इसके पीछे रथ पर कथा वाचक चल रहे थे। सबसे पीछे भगवान परशुराम की जानकारी से संबंधित झांकी चल रही थी।

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