प्रशासन में पारदर्शिता और गति लाने की नई पहल: मुख्यमंत्री कार्यालय ने पेश की नई कार्यप्रणाली, अब दौरे और घोषणाओं का संचालन होगा अधिक व्यवस्थित

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Drnewsindia.com/भोपाल। मध्यप्रदेश में शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली को और तेज़, पारदर्शी और जनहित केंद्रित बनाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने नई प्रणाली लागू की है। मुख्यमंत्री कार्यालय में चल रही कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन इस नई प्रक्रिया को पेश किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि अब मुख्यमंत्री के दौरे, घोषणाओं, स्वेच्छानुदान और अन्य प्रशासनिक गतिविधियों के संचालन में स्पष्टता और अनुशासन रहेगा।

नई प्रणाली के तहत मुख्यमंत्री के दौरे की तैयारी दो चरणों में होगी — प्रारंभिक योजना और मुख्य कार्यक्रम

  • प्रारंभिक योजना के अंतर्गत किसी भी प्रस्ताव के आने पर संबंधित जिला प्रशासन को तुरंत प्रतिक्रिया देनी होगी।
  • मुख्य कार्यक्रम चरण में स्थानीय पहल, सर्किट हाउस ब्रीफिंग, प्रभावित परिवारों से मुलाकात, संस्थागत दौरे और जनसंपर्क गतिविधियाँ शामिल होंगी।

अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आयोजन स्थल का पूरा मूल्यांकन करें, जिसमें यातायात व्यवस्था, पार्किंग, पानी, सुरक्षा और शौचालय जैसी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।

अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारियां

नई कार्यप्रणाली के तहत जिम्मेदारियां भी तय की गई हैं।

  • आलोक सिंह को समग्र समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है,
  • अरविंद दुबे घोषणाओं के प्रबंधन का कार्य संभालेंगे,
  • जबकि समीर यादव सुरक्षा व्यवस्था का संचालन देखेंगे।

नीरज मंडलोई ने कहा कि इस नई व्यवस्था से मुख्यमंत्री के दौरे और घोषणाओं की प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी और प्रभावी बनेगी। इससे प्रशासनिक दक्षता में सुधार आएगा और योजनाओं का लाभ अधिक तेजी से जनता तक पहुंचेगा।

जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली होगी स्थापित

मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए प्रत्येक क्षेत्र को पांच लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। इससे स्थानीय प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच संवाद और मॉनिटरिंग प्रक्रिया और अधिक मजबूत होगी।

घोषणाओं के प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट डिजिटल प्रक्रिया भी लागू की जा रही है। अब संभावित घोषणाओं को पहले से ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा, और केवल महत्वपूर्ण परियोजनाएं ही पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी। वहीं, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के तहत पात्र लाभार्थियों को 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव मंडलोई ने कहा कि नई व्यवस्था से न केवल प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता आएगी, बल्कि जनता की समस्याओं के त्वरित ऑनलाइन समाधान का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

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