सिरोंज /प्राथमिक चिकित्सा केंद्र गरेंठा में स्टाफ और डॉक्टर की लापरवाही से एक प्रसूता और नवजात की मौत हो गई। क्षेत्र के ग्राम अमदाबाद खिल्ली में रहने वाले मोहनसिंह अहिरवार की पत्नी पूजा अहिरवार की डिलीवरी होनी थी। गुरुवार रात 10 बजे प्रसव पीड़ा होने पर वे बाइक से पत्नी को लेकर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र गरेंठा पहुंचे। – वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने पूजा को भर्ती कर -लिया। सुबह मोहन ने पाली की स्थिति पूछो डिलीवरी का आश्वासन दिया। 11 बजे जब डिलीवरी हुई तो पूजा ने मृत बच्चे को जन्म दिया। पूजा की स्थिति भी गंभीर होने पर अस्पताल ने उन्हें रेफर का पर्चा थमा दिया। परिजनों के कॉल करने पर एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई। इस बीच पूजा की भी मौत हो गई। इसके बाद परिजन खुद 1 – हजार रुपए में किराए का वाहन लेकर प्रसूता को सिरोंज के राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर पीएम किया।
बीएमओ बोले- मृतका का पीएम करवाया है, जांच की जाएगी
इस मामले में बीएमओ डॉक्टर विकास सिंह बघेल से जानकारी ली। उनका कहना था कि गरेंठा अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता को 2 दिन पहले भी रेफर किया था लेकिन परिजन उसे लेकर नहीं आए। मुझे बताया गया है कि परिजन प्रसूता को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे गरेंठा अस्पताल लेकर पहुंचे थे। गरेंठा अस्पताल से सिरोंज आने से पहले ही प्रसूता की मौत हो गई। हमने मृतका का पीएम करवाया है। मामले की हर स्तर पर जांच की जाएगी।
मृतका के पीएम का इंतजार करते परिजन। इनसेट रू पूजा अहिरवार।
जुलाई 2024 में हुई थी शादी, पहली डिलीवरी थी
पूजा और मोहन की शादी जुलाई 2024 में हुई थी। पत्नी की पहली डिलीवरी थी। नियमित जांच भी करवाई। मोहन ने बताया कि हमने एंबुलेंस को दो बार कॉल किया लेकिन दोनों बार ही नहीं आई। डिलीवरी में बच्चा मृत होने के बाद डॉक्टर ने पत्नी को रेफर किया तब भी एंबुलेंस नहीं आई।
मायके पक्ष के लोग भी गरेंठा पहुंचे
मृतका पूजा का मायका नटेरन थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में है। जानकारी लगने पर उसके मामा गजराज सिंह भी गरेंठा पहुंच गए थे। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने भांजी को रेफर तो कर दिया लेकिन एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कर सके। यदि एंबुलेंस समय पर मिल जाती तो भांजी की मौत नहीं होती।
सिरोंज-लटेरी सबसे दूर, यहीं सबसे कम एंबुलेंस
एंबुलेंस के नहीं पहुंचने की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। इसकी एक वजह सिरोंज में एंबुलेंस की कमी होना भी है। यहां जननी, एडवांस लाइफ सपोर्ट और बेसिक लाइव सपोर्ट योजना के तहत 6 एंबुलेंस संचालित हैं। वहीं लटेरी में केवल 4 एंबुलेंस संचालित हैं। इन क्षेत्रों से 1 एंबुलेंस यदि विदिशा या भोपाल जाती है तो उसे वापस लौटने में करीब 6 घंटे लग जाते हैं। इस कारण अक्सर एंबुलेंस लेट होती है। वहीं कम दूरी होने के बावजूद बासौदा और विदिशा में 10-10 एंबुलेंस का संचालन होता है।
2010
महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर