Drnewsindia.com /भोपाल।
भाजपा ने जिला संगठन और सरकारी राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए नई व्यवस्था लागू की है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में पार्टी ने तय किया है कि अब राज्य के सभी 62 जिलों (शहर और ग्रामीण मिलाकर) में दो-दो ऑब्जर्वर भेजे जाएंगे। ये ऑब्जर्वर स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे और पारदर्शी तरीके से नामों की सूची तैयार करेंगे। इन्हें सात दिन का समय दिया गया है और आगामी 17-18 अगस्त तक नाम अंतिम रूप से एकत्रित कर लिए जाएंगे।
इन सूचियों के आधार पर जिलों में कार्यकारिणी, एल्डरमैन, बचे हुए मंडल अध्यक्ष, जनभागीदारी समितियां और मंडलों की समितियों में नियुक्तियां की जाएंगी। भाजपा के नेता इसे ‘हेमंत शैली’ का नाम दे रहे हैं, जिसमें संगठन को मजबूत करने और निर्णय प्रक्रिया को सामूहिक बनाने पर जोर है।
मनमानी पर रोक, पारदर्शिता पर जोर
अब तक जिलाध्यक्ष और स्थानीय विधायकों की पसंद का दबदबा रहता था, लेकिन नई व्यवस्था से यह परंपरा टूटेगी। पार्टी का मानना है कि इससे किसी एक नेता या जनप्रतिनिधि की मनमानी नहीं चलेगी। जिलाध्यक्षों का चयन हुए करीब 4 माह और मंडल अध्यक्षों का चयन हुए 5 माह हो चुके हैं, लेकिन उनकी टीम अभी तक पूरी नहीं बन पाई थी। यह काम अब ऑब्जर्वर पूरा करेंगे।
भाजपा के संगठनात्मक ढांचे के मुताबिक, 62 जिलों में यह प्रक्रिया एक साथ शुरू होगी। ऑब्जर्वर ऐसे लोगों में से चुने गए हैं जो वरिष्ठ नेता, प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष और लंबे समय से संगठन में सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं।
नए चेहरे लाने का उद्देश्य
पार्टी चाहती है कि नए ऑब्जर्वर, जिलों में सक्रिय और योग्य कार्यकर्ताओं को पहचानकर आगे लाएं, ताकि संगठन में नई ऊर्जा और नये नेतृत्व का विकास हो। प्रदेश में कई संभाग प्रभारियों को पद पर 2-3 साल हो चुके हैं, ऐसे में बदलाव से बेहतर कार्यकर्ताओं के चयन की उम्मीद है।
कौन कहां जाएगा?
- भोपाल: ओम जैन, बजरंग पुरोहित
- इंदौर: आशुतोष तिवारी, विवेक जोशी
- मुरैना – श्योपुर: गोपी कृष्ण नेमा, सुरेश आर्य
- भिंड – दतिया: जगदीश, विनोद यादव
- ग्वालियर शहर और ग्रामीण: विनोद गोटिया, भरत राजपूत
- शिवपुरी – गुना: देवीलाल धाकड़, गौरव सिरोठिया
- अशोकनगर – विदिशा: सत्येन्द्र भूषण, संतोष पारेख
- सागर शहर और ग्रामीण: जयपाल सिंह चावड़ा, राधेश्याम पारेख
- टीकमगढ़ – निवाड़ी: नरेंद्र बिरथरे, आशीष अग्रवाल
- छतरपुर – दमोह: सुरेंद्र शर्मा, सीताराम यादव
- पन्ना – सतना: शैलेंद्र बरुआ, नरेश दिवाकर
- रीवा – मऊगंज: यशपाल सिंह सिसोदिया, जयप्रकाश चतुर्वेदी
- मैहर – उमरिया: राघवेंद्र शर्मा, अलकेश आर्य
- सीधी – सिंगरौली: अभय प्रताप सिंह, संजय
- शहडोल – अनुपपूर: सदानंद गौतम, भगत सिंह नेताम
- जबलपुर शहर और ग्रामीण: अंबा राम कराड़ा, रंजीत
- कटनी – डिंडोरी: रमेश भटेरे, सुजीत जैन
- बालाघाट – मंडला: वीरेंद्र गोयल, डॉ. निशांत खरे
- सिवनी – नरसिंहपुर: शैलेंद्र शर्मा, जोधा सिंह अटवाल
- छिंदवाड़ा – पांढुर्ना: आदित्य बबला, बहादुर मुकाते
- बैतूल – हरदा: नंदकिशोर पाटीदार, रामलाल
- नर्मदापुरम – रायसेन: हरीश कोटवाल, महेंद्र भटनागर
- सीहोर – राजगढ़: प्रदीप त्रिपाठी, महेंद्र यादव
- खंडवा – बुरहानपुर: अभय चौधरी, सुमीत पचौरी
- खरगौन – बड़वानी: कौशल शर्मा, दिलवर यादव
- अलीराजपुर – झाबुआ: सुदर्शन गुप्ता, वैभव पंवार
- धार शहर और ग्रामीण: रवि रवालिया, सुभाष कोठारी
- उज्जैन शहर और ग्रामीण: आलोक संजर, दिलीप पटोदिया
- शाजापुर – देवास: श्याम महाजन, राहुल कोठारी
- रतलाम – आगर: रजनीश अग्रवाल, जितेंद्र सुराना
- मंदसौर – नीमच: केशव भदौरिया, गौरव रणदिवे
पार्टी का दावा है कि इस कदम से न केवल संगठनात्मक अनुशासन बढ़ेगा बल्कि अच्छे और जमीनी स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी आगे आने का मौका मिलेगा।