भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ लागू: ₹5.4 लाख करोड़ एक्सपोर्ट पर असर, ज्वेलरी-कपड़ों की डिमांड 70% घटने का अंदेशा

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Drnews नई दिल्ली
अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर आज से 50% टैरिफ लागू कर दिया है। यह फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था और एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर बड़ा असर डाल सकता है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, इस टैरिफ से करीब ₹5.4 लाख करोड़ के निर्यात पर सीधा असर होगा।

दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 30 जुलाई को 25% अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया था, जो 7 अगस्त से लागू हुआ था। इसके बाद आज से एडिशनल 25% शुल्क भी लागू हो गया है। अब भारतीय प्रोडक्ट्स अमेरिका में पहले से काफी महंगे हो जाएंगे।

सबसे ज्यादा असर कपड़ों, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर और सी-फूड जैसे सेक्टर्स पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रोडक्ट्स की मांग में अमेरिका में लगभग 70% तक गिरावट आ सकती है। इससे भारतीय कंपनियों की मार्केट हिस्सेदारी चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे देशों को मिल सकती है, क्योंकि वहां से सामान कम टैरिफ पर सस्ता उपलब्ध होगा।

मशीनरी और ऑटो पार्ट्स पर तगड़ा झटका

भारत हर साल लगभग ₹1.68 लाख करोड़ के इंजीनियरिंग गुड्स और ऑटो पार्ट्स निर्यात करता है, जिनमें से सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है। FY25 में ऑटो पार्ट्स के कुल निर्यात का 32% हिस्सा अकेले अमेरिका को गया। टैरिफ बढ़ोतरी से लगभग ₹30,000 करोड़ का निर्यात प्रभावित होने का अनुमान है। इसका सीधा असर छोटे और मध्यम उद्यमों तथा लाखों नौकरियों पर पड़ सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी संकट

भारत ने 2024 में अमेरिका को लगभग ₹1.23 लाख करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात किया था, जिसमें आईफोन का बड़ा हिस्सा शामिल है। पहले इलेक्ट्रॉनिक्स पर औसतन 0.41% टैरिफ लगता था, लेकिन अब 50% शुल्क के बाद स्मार्टफोन जैसे प्रोडक्ट्स की प्रतिस्पर्धा कठिन हो जाएगी।

भारत के विकल्प

  • यूरोप और ASEAN देशों में इंजीनियरिंग गुड्स व इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात बढ़ाना।
  • PLI स्कीम का विस्तार करके प्रोडक्शन लागत कम करना, ताकि अमेरिकी बाजार में टिकाव बना रहे।
  • नए व्यापारिक समझौते कर भारतीय एक्सपोर्टर्स को वैकल्पिक बाजार उपलब्ध कराना।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत ने तेजी से रणनीति नहीं बनाई, तो यह टैरिफ देश की एक्सपोर्ट ग्रोथ और लाखों नौकरियों पर ग

भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ लागू: ₹5.4 लाख करोड़ एक्सपोर्ट पर असर, ज्वेलरी-कपड़ों की डिमांड 70% घटने का अंदेशा

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