भोपाल के अवधपुरी में धार्मिक स्थल तोड़ने पर बवाल: निगम कार्यालय का घेराव, ‘बिना नोटिस गिराकर जनभावनाओं को ठेस पहुँचाई’

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भोपाल / राजधानी के अवधपुरी क्षेत्र में शुक्रवार को उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई जब नगर निगम द्वारा एक पुराने धार्मिक स्थल को हटाने के विरोध में स्थानीय निवासियों ने निगम दफ्तर का घेराव कर दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना के इस धार्मिक स्थल को तोड़ दिया गया।

कांग्रेस नेता रविंद्र साहू झूमरवाला की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने निगम प्रशासन से जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कराने या भारी क्षतिपूर्ति (मुआवजा) देने की मांग की है।


विरोध प्रदर्शन की मुख्य बातें

  • स्थल: अवधपुरी, भोपाल (नगर निगम कार्यालय)।
  • कारण: वर्षों पुराने दुर्गा माता धार्मिक स्थल को बिना नोटिस के तोड़ना।
  • प्रदर्शन: स्थानीय रहवासियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा निगम कार्यालय का घेराव।
  • मांग: धार्मिक स्थल का यथावत पुनर्निर्माण या पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।
  • चेतावनी: मांगें पूरी न होने पर चक्काजाम और उग्र प्रदर्शन की चेतावनी।

बिना सूचना तोड़ा गया धार्मिक स्थल

अवधपुरी क्षेत्र में यह धार्मिक स्थल वर्षों से स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र रहा है, जहाँ माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित थी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि शुक्रवार को नगर निगम की टीम ने अचानक आकर बिना कोई नोटिस दिए स्थल को ध्वस्त कर दिया।

इस घटना की सूचना मिलते ही कांग्रेस नेता रविंद्र साहू झूमरवाला मौके पर पहुंचे और स्थानीय रहवासियों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

‘प्रशासन जनभावनाओं को ठेस पहुँचा रहा है’

निगम कार्यालय का घेराव करते हुए कांग्रेस नेता झूमरवाला ने अधिकारियों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा

“प्रशासन ने बिना किसी चर्चा, नोटिस या कारण बताए धार्मिक स्थल को गिराकर सीधे तौर पर जनभावनाओं को ठेस पहुँचाई है। प्रशासन या तो पूरी क्षतिपूर्ति (मुआवजा) दे या तुरंत इस धार्मिक स्थल का पुनर्निर्माण करवाए।”

इस दौरान लोगों ने विरोध स्वरूप सड़क पर भी बैठकर यातायात बाधित करने का प्रयास किया, लेकिन राहगीरों की परेशानी को देखते हुए वे जल्दी ही उठकर निगम ऑफिस पहुँचे।

चेतावनी: मांगें नहीं मानी तो होगा चक्काजाम

कांग्रेस नेता झूमरवाला ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर तुरंत कदम नहीं उठाए तो कांग्रेस कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिक बड़े पैमाने पर चक्काजाम एवं धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।

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