मध्यप्रदेश में अगले 4 दिन यानी, 10 मई तक ओले-बारिश और आंधी का सिस्टम एक्टिव रहेगा। बुधवार को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में तेज आंधी चलेगी, जबकि इंदौर में बारिश हो सकती है। 3 जिले- अलीराजपुर, धार, झाबुआ में ओले गिर सकते हैं।
जिन जिलों में बुधवार को मौसम बदला रहेगा, उनमें शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हवा की रफ्तार 50 किमी प्रतिघंटा से अधिक रह सकती है। श्योपुर, मुरैना, रतलाम, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, सीहोर, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, देवास, नरसिंहपुर, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और डिंडौरी भी आंधी-बारिश होगी।
केले और पपीते के 2 हजार से ज्यादा पेड़ गिरे धार जिले के मनावर में मंगलवार रात आंधी-बारिश से केले और पपीता की फसल को नुकसान पहुंचा है। सेमल्दा मार्ग पर स्थित खेत के मालिक सुरेश पाटीदार ने बताया कि उनके दो खेतों में पपीता के 12 हजार और केले के 10 हजार पौधे लगे थे। ये फसल दिल्ली भेजने के लिए तैयार थी। इस वक्त सभी पेड़ फलों से लदे थे। आंधी-तूफान के कारण पपीते के 1500 और केले के 800 पेड़ फलों समेत गिर गए।
इंदौर में हवा की रफ्तार 121 किमी प्रतिघंटा मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। इंदौर, नर्मदापुरम संभाग के अलावा छतरपुर, मुरैना, सतना, शहडोल, अनूपपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, सीहोर, भोपाल, रायसेन, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, रतलाम जिले शामिल हैं।
इंदौर समेत 6 जिलों में हवा की रफ्तार तेज रही। इंदौर में रिकॉर्ड 121 किमी प्रतिघंटा रही। यह एयरपोर्ट के आसपास दर्ज की गई। दो दिन पहले भी इंदौर में हवा की रफ्तार 111 किमी प्रतिघंटा तक रही थी। इसी तरह हरदा में 80 किमी, सीहोर-उज्जैन में 74 किमी, भोपाल में 63 किमी, शाजापुर-बड़वानी में 49 किमी, बैतूल-सागर में 43 किमी, पचमढ़ी-नरसिंहपुर में 39 किमी, मुरैना, मंडला-सिवनी में 36 किमी, छिंदवाड़ा-शहडोल में 34 किमी प्रतिघंटा तक रही।
इसलिए प्रदेश में ऐसा मौसम सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन और ट्रफ की वजह से पूरे प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। मंगलवार को कई जिलों में बारिश हुई। बुधवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। 10 मई तक के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
मई में पड़ेगी सबसे ज्यादा गर्मी मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में मई के महीने में ही सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। पिछले 10 साल का ट्रेंड देखें तो कई शहरों में पारा 47-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। दिन में हीट वेव चलेगी तो रातें भी गर्म रहेंगी। मई में बारिश का भी ट्रेंड रहता है। इस बार मई की शुरुआत में ही मौसम बदला हुआ है। पहले ही दिन कई जिलों में बारिश हुई।
इन जिलों में सबसे ज्यादा गर्मी मौसम विभाग की मानें तो मई महीने में ग्वालियर, छतरपुर, नरसिंहपुर, निवाड़ी, मैहर, टीकमगढ़, भिंड, दतिया, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, मुरैना, राजगढ़, रायसेन, शाजापुर, श्योपुरकलां, शिवपुरी और विदिशा जिलों में पारा 45 डिग्री या इससे ज्यादा रहने का अनुमान है। ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ मालवा-निमाड़ के कुछ शहरों में भी तेज गर्मी रहेगी। छतरपुर के खजुराहो और नौगांव, निवाड़ी के पृथ्वीपुर में पारा 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
भोपाल में पारा 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है जबकि इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में भी पारा इतना रह सकता है। बड़े शहरों में ग्वालियर में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ेगी। यहां पारा 46-47 डिग्री के बीच पहुंचने का अनुमान है।
इस बार ऐसा रहा अप्रैल का महीना अप्रैल के पहले, दूसरे और तीसरे सप्ताह में तेज गर्मी और बारिश का दौर बना रहा। पहले सप्ताह में सभी संभागों में सामान्य से 2-3 डिग्री ज्यादा 21-24 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। वहीं, दिन में पश्चिमी गर्म हवाओं के कारण अधिकतम तापमान इंदौर, सागर और नर्मदापुरम संभागों में सामान्य से ज्यादा 39 से 44 डिग्री तक पहुंच गया। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर समेत बाकी संभागों में यह 41 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। पहले सप्ताह रतलाम में लू चल चुकी है। वहीं, बाकी शहरों में गर्म हवाओं से गर्मी बढ़ी रही।
दूसरे सप्ताह में पूरे प्रदेश में तेज आंधी, बारिश, ओले और गरज-चमक की स्थिति बनी रही। प्रदेश के 80 प्रतिशत हिस्से में बारिश हुई। दूसरी ओर, कुछ जिलों में गर्मी का असर भी रहा।
तीसरे सप्ताह में उत्तर-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के साथ इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, नर्मदापुरम संभागों में न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। वहीं, पूरे प्रदेश में दिन में अधिकतम तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा रहा। कई जिलों में लू भी चली।
वहीं, आखिरी सप्ताह में प्रदेश में ओले, बारिश का दौर शुरू हो गया। 25 अप्रैल के बाद से ऐसा मौसम रहा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस, टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव होने से ऐसा हुआ।
अब जानिए, 10 साल में कितना पारा…
भोपाल में गर्मी-बारिश का ट्रेंड
भोपाल में मई में मौसम के ट्रेंड की बात करें तो पिछले 10 साल में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही दौर रहा है। 2016 में पारा 46.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। इस महीने बारिश भी होती है। 2014 से 2023 तक हर साल बारिश हुई है। वर्ष 2021 और 2023 में 2 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
पिछले साल राजधानी में 26 मई को पारा 45.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। यह 10 साल में छठवां 45 डिग्री से अधिक तापमान रहा। इस साल बारिश भी हुई थी।
इंदौर में 3 इंच गिर चुका पानी मई के महीने में इंदौर में भी पारा 46 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। 31 मई 1994 को इतना तापमान दर्ज किया गया था। इस महीने यहां भी मौसम में बदलाव देखने को मिलता है। इसके चलते बादल छाए रहते हैं तो बौछारें भी गिरती हैं।
2023 में पूरे महीने 3 इंच बारिश हुई थी। वर्ष 2014 से 2023 के बीच 9 साल बारिश हो चुकी है। साल 2024 में भी तेज गर्मी रही थी। अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। वहीं, बारिश का दौर भी चला था।
ग्वालियर में सबसे ज्यादा गर्मी
ग्वालियर में मई की गर्मी का ट्रेंड बाकी शहरों से अलग रहता है। यहां ज्यादा गर्मी पड़ती है। बीते 10 साल में यहां एक बार 47 डिग्री और 3 बार पारा 46 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। 30 मई 1947 को 48.3 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था।
17 मई 1953 को 24 घंटे में सर्वाधिक 41.9 मिमी यानी डेढ़ इंच से अधिक बारिश हुई थी। 2023 में भी ढाई इंच पानी गिरा था। पिछले साल की बात करें तो सबसे ज्यादा पारा 47.6 डिग्री दर्ज किया गया था। हालांकि, बारिश नहीं हुई थी। इस बार भीषण गर्मी रहने के आसार हैं।
जबलपुर में तेज गर्मी का ट्रेंड
जबलपुर की बात करें तो यहां मई में पारा 46.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। 25 मई 1954 को इतना तापमान रिकॉर्ड किया गया था। पिछले 10 साल में 3 बार टेम्प्रेचर 45 डिग्री से अधिक रहा। मई में बारिश का ट्रेंड भी रहता है। 2014 से 2023 तक हर साल बारिश हुई है।
वर्ष 2021 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। साल 2024 में भी तेज गर्मी, आंधी-बारिश वाला मौसम रहा था। दिन का पारा 44.5 डिग्री पहुंच गया था। वहीं, बारिश भी हुई थी।
उज्जैन में भी गर्मी, बारिश का ट्रेंड
उज्जैन में भी मई महीने में गर्मी और बारिश का ट्रेंड रहता है। 22 मई 2010 को रिकॉर्ड 46 डिग्री तापमान दर्ज किया जा चुका है। वहीं, 2015 से 2024 के बीच 3 बार पारा 45 डिग्री के पार रह चुका है। साल 2015, 2016 और 2024 में इतनी ही गर्मी पड़ी थी। उज्जैन में पिछले साल भी तापमान 45 डिग्री रहा था।
उज्जैन में भी गर्मी, बारिश का ट्रेंड
उज्जैन में भी मई महीने में गर्मी और बारिश का ट्रेंड रहता है। 22 मई 2010 को रिकॉर्ड 46 डिग्री तापमान दर्ज किया जा चुका है। वहीं, 2015 से 2024 के बीच 3 बार पारा 45 डिग्री के पार रह चुका है। साल 2015, 2016 और 2024 में इतनी ही गर्मी पड़ी थी। उज्जैन में पिछले साल भी तापमान 45 डिग्री रहा था।