भोपाल
भोपाल में बीते कुछ दिनों से चोरी, फौजदारी और हिट एंड रन के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस जिन सीसीटीवी कैमरों पर निर्भर थी, वे अब फेल हो रहे हैं।शहर के संवेदनशील इलाकों और यहां तक कि सेंट्रल जेल परिसर में भी कई कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे।
जेल रोड पर सिर्फ एक कैमरा सक्रिय है। वहीं, बोर्ड ऑफिस, लिंक रोड, नर्मदापुरम रोड और वीआईपी रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगे कैमरों की हालत भी खराब है।मेट्रो निर्माण और तकनीकी खामियों के कारण बंद हुए कैमरे
भोपाल पुलिस के ब्ब्ज्ट कैमरा प्रभारी मनोज बेग ने बताया कि शहर की 153 लोकेशन पर कुल 781 कैमरे लगे हैं। इनमें से लगभग 40 कैमरे फिलहाल काम नहीं कर रहे। उन्होंने बताया कि मेट्रो लाइन निर्माण कार्य और तकनीकी कारणों से कई कैमरे अस्थायी रूप से बंद हैं। यह संख्या समय-समय पर घटती-बढ़ती रहती है। इसके अलावा, शहर के आउटर एरिया की 16 लोकेशनों पर 152 एनपीआर कैमरे लगाए गए हैं, जो भोपाल में प्रवेश और निकासी करने वाले वाहनों की निगरानी करते हैं।450 नई लोकेशन पर 2 हजार कैमरे लगाने की तैयारी
मनोज बेग ने बताया कि आने वाले समय में शहर में 450 नई लोकेशन पर 2 हजार ब्ब्ज्ट कैमरे लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा, भोपाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अलग से कैमरे भी लगाए गए हैं।
कमिश्नर ऑफिस स्थिति भोपाल पुलिस के सीसीटीवी कैमरा इंचार्ज मनोज बेग के मुताबिक सिर्फ 40 कैमरे बंद है।