Drnewsindia.com
एसआईआरटी में वन नेशन-वन इलेक्शन पर कार्यक्रम, बोले शिवराज — बार-बार चुनाव से विकास कार्य ठप पड़ जाते हैं
भोपाल / राजधानी भोपाल के एसआईआरटी कॉलेज में शुक्रवार को “वन नेशन-वन इलेक्शन” विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और एमपी बीजेपी के संयोजक रोहित आर्य, सेज ग्रुप के डायरेक्टर संजीव अग्रवाल, और युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रंजीत सिंह चौहान भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों के नारे से हुई, जिस पर शिवराज मुस्कुराते हुए बोले —
“वैसे भी यहां कौन सा मंत्री आया है। मंत्री तो आते-जाते रहते हैं, मामा परमानेंट है।”
बार-बार चुनाव से देश पर बढ़ता खर्च
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में हर साल अलग-अलग चुनावों के कारण सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है।
“लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इसके अलावा राजनीतिक दल पोस्टर, बैनर, हेलिकॉप्टर, गाड़ियों और सभाओं पर अलग से खर्च करते हैं। फिर चंदा उगाही चलती है — लाओ चंदा, और जुटाओ पैसा।”
जातिवाद और वोट बैंक की राजनीति पर प्रहार
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आते ही नेता मुद्दे नहीं, जाति और उपजाति तलाशने लगते हैं।
“जब चुनाव होता है तो हर कोई अपनी जाति और उपजाति के हिसाब से टिकट मांगता है। इससे समाज में जातिवाद और विभाजन बढ़ता है।”
उन्होंने कहा कि इन सब समस्याओं का एक ही समाधान है —
“संविधान में संशोधन कर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हर 5 साल में एक साथ कराए जाएं।”
जनता को लुभाने के लिए फैसले
शिवराज बोले —
“राजनीतिक दल लॉन्ग टर्म में देश के लिए भले फैसले नहीं लेते, बल्कि जनता को लुभाने वाले फैसले लेते हैं। एक कहता है तारे तोड़ लाऊंगा, दूसरा कहता है जेब में रख दूंगा। ये होड़ देश के विकास को रोक देती है।”
उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान सरकारी अफसरों से लेकर शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तक को चुनावी कार्य में लगा दिया जाता है, जिससे शिक्षा और प्रशासनिक कामकाज रुक जाता है।
भारत का गौरवशाली इतिहास
अपने संबोधन में शिवराज ने भारत की प्राचीन वैज्ञानिक उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा —
“जब दुनिया में लोग पत्तों से शरीर ढंकते थे, तब भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय थे। महाभारत में ब्रह्मास्त्र, अग्नेयास्त्र, सुदर्शन चक्र जैसी शक्तियां थीं। भगवान राम पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे, जब राइट ब्रदर्स का हवाई जहाज भी नहीं बना था।”
उन्होंने कहा कि मुगल और अंग्रेजों की गुलामी से भारत पीछे जरूर गया, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश फिर से आगे बढ़ रहा है।
लगातार चुनावों से विकास पर असर
शिवराज ने कहा कि देश में हर वक्त चुनावी माहौल बना रहता है —
“पांचों साल, 12 महीने, 365 दिन नेता चुनाव की तैयारी में लगे रहते हैं। एक चुनाव खत्म नहीं होता कि दूसरा शुरू हो जाता है। इससे विकास कार्य ठप पड़ जाते हैं।”
उन्होंने बताया कि जब वो मुख्यमंत्री थे, तब आचार संहिता के कारण महीनों तक सरकारी कामकाज रुक गया था।
“पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ती, अफसर काम नहीं करते, सिर्फ चुनाव की तैयारी चलती है। अगर वन नेशन-वन इलेक्शन लागू हो जाए, तो देश का समय, धन और ऊर्जा तीनों बचेंगे।”
“विकास के बड़े फैसले चुनावों में अटक जाते हैं”
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा —
“बार-बार चुनावों के कारण बड़े नीतिगत फैसले नहीं हो पाते। जब भी चुनाव नजदीक आता है, सरकारें सोचती हैं कि कोई कड़ा कदम मत उठाओ, कहीं वोट न कट जाएं। इस सोच से देश का विकास रुक जाता है।”




