मंत्रियों-विधायकों की परफॉर्मेंस का होगा आकलन

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मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सीएम करेंगे वन-टू-वन बैठक


Drnewsindia.com/भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही मंत्रियों और विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर बड़ा फैसला लिया जाएगा।

मंत्रियों से वन-टू-वन बैठक

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अक्टूबर से मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करने वाले हैं। इन बैठकों में विभागवार कामकाज की समीक्षा होगी। जिन मंत्रियों का प्रदर्शन कमजोर पाया जाएगा, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। वहीं, बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।

विधायकों की रिपोर्ट भी तैयार

केवल मंत्री ही नहीं, बल्कि विधायकों के कामकाज का भी आकलन होगा। विधायकों को पहले चार साल का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया था। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि उन्होंने अपनी विधायक निधि का कितना उपयोग जनकल्याण के कामों में किया। इसकी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपी जा चुकी है।

छत्तीसगढ़ के बाद मप्र में चर्चा

हाल ही में पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। ऐसे में मध्यप्रदेश में भी यह चर्चा जोरों पर है कि डॉ. मोहन यादव जल्द ही बड़ा कदम उठा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को भी ध्यान में रखा जाएगा।

कैबिनेट में खाली पद, तीसरे विस्तार के संकेत

वर्तमान में मोहन कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 31 मंत्री हैं, जबकि नियम अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं। दिसंबर 2023 में शपथ लेने के बाद अब तक दो बार मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है। अब तीसरे विस्तार की तैयारी मानी जा रही है। कई मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी लगभग तय है।

मंत्रियों की जिम्मेदारी और समीक्षा

सीएम डॉ. यादव मंत्रियों से यह भी पूछेंगे कि उन्होंने कितने गांवों में रात्रि विश्राम किया, कितनी चौपाल लगाई और अपने प्रभार के जिलों में दौरे किए या नहीं। इसके अलावा संगठन के कामकाज में उनकी भागीदारी और जनता व कार्यकर्ताओं से तालमेल पर भी सवाल होंगे।

जिले और जातीय संतुलन की चुनौती

प्रदेश के 55 जिलों में से केवल 25 जिलों को ही कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिला है। भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे बड़े जिलों से दो-दो मंत्री हैं, जबकि कई जिले उपेक्षित हैं। यही स्थिति जातीय संतुलन की भी है। माना जा रहा है कि विस्तार के दौरान इस असंतुलन को दूर करने की कोशिश होगी।

1200 से अधिक राजनीतिक नियुक्तियां भी होंगी

मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही सरकार 1200 से अधिक राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह कदम उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को उपकृत करने के लिए उठाया जाएगा, जिन्होंने चुनाव और संगठन में मेहनत की है।


कुल मिलाकर, अक्टूबर में होने वाली समीक्षा बैठकें मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। कौन मंत्री अपनी कुर्सी बचा पाएगा और कौन नए चेहरे कैबिनेट में शामिल होंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।


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